Rajouri Encounter: देश की आन बान शान के लिए उत्तराखंड का एक और लाल न्योछावर हो गया. संजय बिष्ट ने जम्मू कश्मीर के राजौरी में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए सर्वोच्च बलिदान दिया. शहीद जवान नैनीताल के रति घाट स्थित हाली निवासी थे. बेटे की शहादत पर परिवार को गर्व है. सेना ने परिजनों को सूचना दे दी है. शहीद संजय बिष्ट के पैतृक गांव में मातम पसरा है. लोग परिवार को सांत्वना देने बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. देश के दुश्मनों से हुई मुठभेड़ में संजय बिष्ट की शहादत पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शोक जताया है.


उत्तराखंड के एक और लाल ने दिया सर्वोच्च बलिदान


उम्मीद जताई जा रही है कि एक से दो दिनों में शहीद का पार्थिव शरीर घर पर लाया जा सकता है. संजय बिष्ट अभी अविवाहित थे. उनके परिवार में भाई नीरज सिंह बिष्ट, पिता दीवान सिंह बिष्ट, मां मंजू बिष्ट, बहन ममता बिष्ट और विनीता बिष्ट हैं. गमगीन परिवार को सांत्वना देने लोग घर पर बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. नैनीताल के सपूत की शहादत पर लोगों की आंखें नम हैं. संजय बिष्ट 2012 में भारतीय सेना का हिस्सा बने थे. अभी 15 दिन पहले छुट्टी पूरी कर वापस ड्यूटी ज्वाइन की थी.


एक से दो दिनों में लाया जा सकता है पार्थिव शरीर


आतंकवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में शहादत की खबर आई. नैनीताल के लाल की शहादत पर उत्तराखंड में भी शोक की लहर फैली हुई है. शहीद के भाई नीरज बिष्ट ने बताया कि पिछली रात फोन पर बात हुई थी. फोन पर हुई बातचीत में भाई काफी खुश थे. उनका कहना था कि जल्दी वापस लौटेंगे. लेकिन परिवार को मालूम नहीं था कि भाई के वीरगति को प्राप्त होने की खबर मिलेगी. भारतीय सेना की तरफ से परिवार को भाई के शहीद होने की जानकारी दी गई है. सूचना मिलने के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है. 


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