Umesh Pal Murder Case: प्रयागराज में उमेश पाल और दो सरकारी गनर हत्याकांड के एक साल पूरे हो गए हैं. परिवार वालों की आंखों के आंसू अभी तक नहीं सूखे हैं. चर्चित शूटआउट केस के आरोपियों को मिट्टी में मिलाए जाने से परिजनों को संतोष है. उनका कहना है कि प्रयागराज को माफिया अतीक अहमद के आतंक से भी छुटकारा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दिलाया है. यही वजह है कि उमेश पाल के परिजन मुख्यमंत्री योगी की सरकार का आभार जता रहे हैं. उन्होंने उम्मीद जताई है कि बाकी बचे अपराधी भी जल्द सजा पाएंगे. परिजन मुख्यमंत्री योगी की सख्त छवि के मुरीद हैं. उन्होंने लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए वोट मांगने की भी बात कही है.


उमेश पाल और दो सरकारी गनर हत्याकांड के एक साल पूरे


उमेश पाल के परिजनों ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी ने एक अभिभावक के तौर साथ दिया है. बीएसपी विधायक राजू पाल की साल 2005 में हत्या हुई थी. हत्याकांड के गवाह उमेश पाल थे. उमेश पाल की पत्नी जया पाल और मां शांति पाल ने माना कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने परिवार की मदद की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का एहसान कभी नहीं भूलेंगे. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार कर मदद करने का काम जरूर करेंगे. लोगों के बीच जाकर बताएंगे कि मुख्यमंत्री योगी की वजह से माफिया अतीक अहमद के गैंग का आतंक समाप्त हुआ है. अतीक अहमद परिवार और गिरोह के बाकी बचे हुए लोगों को दोबारा माफिया राज और आतंक फैलाने से रोकने के लिए जरूरी है कि मोदी-योगी की सरकार बनी रहे.


पहली बरसी पर शांति पाठ और श्रद्धांजलि सभा का कार्यक्रम


उमेश पाल की पहली बरसी कल 24 फरवरी को है. बरसी पर घर में शांति पाठ होगा. पड़ोस के गेस्ट हाउस में श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी. उमेश पाल और दो सरकारी गनर की हत्या पिछले साल 24 फरवरी को फिल्मी अंदाज में गोलियों से भूनकर कर दी गई थी. सनसनीखेज शूटआउट की साजिश माफिया ब्रदर्स अतीक अहमद और अशरफ ने जेलों में रहते हुए रची थी. अतीक और अशरफ पिछले साल 15 अप्रैल को हुए हमले में मौत के घाट उतारे गए थे. अतीक के बेटे असद समेत वारदात में शामिल 4 अपराधी पुलिस एनकाउंटर में मारे गए हैं. वारदात में शामिल कुछ अन्य लोग अभी फरार हैं, कई को जेल भेजा जा चुका है. 


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