Mahant Narendra Giri Death Case: अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में वादी मुकदमा और गवाह अमर गिरि की पेशी हुई. पिछली कई तारीखों से अमर गिरि बयान दर्ज कराने अदालत में नहीं आ रहे थे. हाजिर नहीं होने पर डिस्ट्रिक्ट एंड सेशन जज संतोष राय ने अर गिरि के खिलाफ गैर जमानती वारंट यानी एनबीडब्ल्यू जारी किया था. आज बुधवार को पेश होने पर डीजीसी क्रिमिनल गुलाब चंद्र अग्रहरि और सीबीआई के अधिवक्ता ए के तिवारी ने प्रयागराज की जिला अदालत में अमर गिरि का बयान कराया.


महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में सुनवाई


बयान दर्ज होने के बाद सेशन जज ने 11 दिसंबर को मामले की अगली सुनवाई का फैसला सुनाया. बता दें कि वादी अमर गिरि के अधिवक्ता ने एनबीडब्ल्यू निरस्त करने की कोर्ट में अर्जी दी थी. अंडरटेकिंग में बताया गया कि हर तारीख पर साक्ष्य और जिरह के दौरान वादी अदालत में मौजूद रहेगा. सेशन जज संतोष राय ने अमर गिरि की अर्जी को मंजूर करते हुए एनबीडब्ल्यू निरस्त कर दिया. सेशन जज की कोर्ट में मुकदमे का ट्रायल शुरू हो चुका है. बिना पूरा बयान दर्ज हुए दूसरे पक्ष की गवाही नहीं हो सकती है. सेशन कोर्ट ने तीनों आरोपियों आनन्द गिरि, आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी पर 31 मार्च को आरोप तय कर दिया था. आनन्द गिरि के खिलाफ आईपीसी की धारा 306 में आरोप तय किया गया है.


वादी मुकदमा और गवाह अमर गिरि का बयान दर्ज


आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी पर आईपीसी की धारा 306 के साथ 120 बी भी लगाया गया है. राज्य सरकार की सिफारिश पर सीबीआई ने मामले की जांच की है. सीबीआई पिछले साल ही कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. 20 सितंबर 2021 को श्री मठ बाघम्बरी गद्दी के गेस्ट हाउस में महंत नरेन्द्र गिरि फंदे पर लटके पाए गए थे. महंत नरेंद्र गिरि के शिष्य रहे आनंद गिरि की गिरफ्तारी 22 सितंबर 2021 को हुई थी. दो अन्य आरोपी आद्या प्रसाद तिवारी और संदीप तिवारी भी प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल में बंद हैं. आनंद गिरि समेत तीनों आरोपियों को अब तक जमानत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट में आनंद गिरि की जमानत अर्जी पेंडिंग है. 


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