प्रयागराज: देश में एक तरफ कोरोना की तीसरी लहर जल्द शुरू होने की आशंका जताई जा रही है. वहीं दूसरी तरफ वैक्सीन की कमी की वजह से अभी तक टीकाकरण ना करा पाने वाले लोगों के सब्र का बांध अब टूटता जा रहा है. टीकाकरण में देरी होने पर संगम नगरी प्रयागराज में दो केंद्रों पर वैक्सीन लूट का सनसनीखेज मामले सामने आया है. दोनों मामले शुक्रवार को यूपी में चलाए जा रहे मेगा वैक्सीनेशन कैंप के दौरान के हैं. दोनों ही जगहों पर टीकाकरण में देरी होने पर लोगों को जब यह लगने लगा की वैक्सीन की डोज खत्म हो सकती है तो वह हंगामा और मारपीट पर उतर आए.


हंगामा करने वाले लोग साढ़े तीन सौ वैक्सीन डोज वाली वायल जबरन छीनकर फरार हो गए. स्वास्थ्य महकमे ने इस मामले में दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज करा दी है, लेकिन इस घटना के पीछे सरकारी विभागों की लापरवाही और आपसी तालमेल की कमी जरूर नजर आई है.


ज्यादातर सेंटर्स पर सुरक्षा के इंतजाम नहीं
यूपी में टीकाकरण अभियान को रफ्तार देने के लिए सूबे की सरकार ने शुक्रवार को सभी 75 जिलों में मेगा वैक्सीनेशन कैंप आयोजित किए थे. इस दौरान संगम नगरी प्रयागराज में भी सवा तीन सौ से ज्यादा सेंटर्स पर तकरीबन 75 हजार लोगों को वैक्सीन की डोज लगाई गई थी. मेगा वैक्सिनेशन के दौरान कई सेंटर्स पर खासी बदइंतजामी देखी गई थी. ज्यादातर सेंटर्स पर सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं किए गए थे.  


शुक्रवार को पहला हंगामा सैदाबाद इलाके के सेंटर पर हुआ. यहां हंगामे के बाद कुछ लोग वैक्सीन की 11 वायल लेकर भाग गए. हंगामें और मारपीट की दूसरी घटना धनूपुर के सेंटर पर हुई. यहां अराजक तत्वों ने 24 वायल छीन लिए और उसे लेकर भाग गए. इस दौरान दोनों ही जगहों पर वैक्सीनेशन का काम काफी देर तक रुका रहा. सीएमओ डॉक्टर नानक शरण के मुताबिक एक दिन पहले ही पुलिस और प्रशासन को सेंटर्स की लिस्ट भेज कर वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की मांग की गई थी, लेकिन ज्यादातर केंद्रों पर कोई सुरक्षा नहीं थी.


सरकारी विभागों की लापरवाही!
कहा जा सकता है कि सरकारी विभागों में आपसी तालमेल ना होने और होमवर्क नहीं किए जाने की वजह से ही वैक्सीन लूट की घटना हुई है. हालांकि जो वैक्सीन छीन कर ले जाई गई है, उसकी कीमत तकरीबन सवा दो लाख है, लेकिन यह समझना जरूरी होगा कि इस मुश्किल दौर में किसी एक व्यक्ति को यह लूटी व्यक्ति लग जाती है तो उसका जीवन सुरक्षित हो जाता. प्रयागराज में हुई वैक्सीन लूट की घटनाओं ने साढ़े तीन सौ लोगों की जिंदगी के खतरे को तब भी बरकरार रखा, जब पूरा देश वैक्सीन की कमी से जूझ रहा है. 


इन दोनों मामलों में एफआईआर दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी गई है. हालांकि सेंटर्स पर सीसीटीवी कैमरे लगे नहीं होने की वजह से आरोपियों की पहचान हो पाना और उन पर शिकंजा कसा जा पाना थोड़ा मुश्किल जरूर होगा. अफसरों ने यह जरूर कहा है कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए अब पुख्ता इंतजाम किए जाएंगे.


ये भी पढ़ें-
राष्ट्रपति कोविंद की यूपी यात्रा का आज आखिरी दिन, विशेष ट्रेन से जाएंगे अयोध्या, जानिए पूरा शेड्यूल


क्या सुलझ गया छत्तीसगढ़ कांग्रेस का विवाद? रायपुर पहुंचकर टीएस सिंहदेव बोले- आलाकमान ने फैसला रखा सुरक्षित