Pilibhit News: यूपी के पीलीभीत (Pilibhit) में कुपोषण पर जंग जीतने के लिए क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों और सरकारी अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है. जिसके तहत अति कुपोषित इलाकों को चिन्हित कर कुपोषित बच्चों को पोषण देने के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों पर बिजली, पानी, शौचालय सहित केंद्रों पर आने वाले बच्चों की देखरेख पर सीधी शासन की नजर होगी.

 

जनप्रतिनिधि और अधिकारी को जिम्मेदारी

पीलीभीत जिले में कुल 1960 आगनबाड़ी केंद्र हैं, इनमें से लगभग 67 ऐसे आंगनबाड़ी केन्द्रों को चिहिन्त किया गया है, जिन पर 1447 अति कुपोषित बच्चे पाए गए. उसी को ध्यान में रखते हुए शासन से जारी हुए आदेश के बाद कुपोषण पर जंग जीतने की जिम्मेदारी अब जिला प्रशासन के अधिकरियो के साथ साथ क्षेत्रीय विधायक, सांसद की भी होगी. विभाग से उनके क्षेत्रो में स्थित आगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर पोषण, आहार सहित बिजली, पानी एवं तमाम व्यवस्थाओं को उपलब्ध कराकर अति कुपोषित बच्चों की मॉनिटरिंग कर उन्हें ठीक करने की जिम्मेदारी दी गई है.

 

विधायकों ने गोद ली 3-3 आंगनबाड़ियां
इसी कड़ी में पीलीभीत सदर विधानसभा क्षेत्र से विधायक व राज्य सरकार में गन्ना मंत्री सजंय सिंह गंगवार ने अमरिया क्षेत्र के बरातबोझ, ललौरीखेड़ा के खमरिया पुल, शहर के मोहम्मद वासिल में स्थित तीन आगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर कुपोषण पर जंग जीतने का संकल्प लिया है. वहीं बरखेड़ा विधानसभा से विधायक जयद्रथ ने ज्योराह कल्याणपुर, सुहास, आमडार के तीन आगनबाड़ियों को गोद लिया है. जबकि वीसलपुर से विधायक विवेक वर्मा ने भी चुटकुना बहनपूरा, चठिया सिपाहरा गांव के 3 केन्द्रों को गोद लेकर उनके सुधार की जिम्मेदारी ली है. 


 

वरुण गांधी ने भी लिया बढ़-चढ़कर हिस्सा

एक तरफ जहां इस जिले के सभी विधायक आंगनबाड़ियों को गोद ले रहे है वहीं दूसरी तरफ पूरनपुर विधायक बाबूराम पासवान ने अब तक किसी आंगनबाड़ी को गोद नहीं लिया और न ही इसे लेकर कोई जवाब दिया है. शासन की मुहिम में पीलीभीत से सांसद वरुण गांधी ने भी बढ़कर हिस्सा लिया है. उन्होंने आंगनबाड़ी केन्द्रों को गोद लेकर कुपोषण से लड़ाई की जिम्मेदारी पूरी करना शुरू कर दिया है. देखना दिलचस्प होगा की प्रशासन के इस कदम के बाद आंगबाड़ियों की हालत में कितना बदलाव आ पाता है. 

 

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