Parliament Monsoon Session 2023: विपक्षी दलों का प्रस्तावित अविश्वास प्रस्ताव संख्याबल के लिहाज से विफल होना तय है लेकिन उनकी दलील है कि वे चर्चा के दौरान मणिपुर मुद्दे पर सरकर को घेरकर अवधारणा बनाने की लड़ाई जीत जाएंगे. हालांकि विपक्षी दलों के गठबंधन और एनडीए (NDA) से अलग के दलों का इस अविश्वास प्रस्ताव पर क्या रुख होगा?, इसको लेकर तमाम तरह की अटकलें चल रही हैं. इसी बीच बीएसपी (BSP) सांसद मलूक नागर (Malook Nagar) की प्रतिक्रिया आई है. 


अविश्वास प्रस्ताव पर बीएसपी सांसद ने कहा, "हमारे लिए देश और उसके लोग पहले हैं. हम चर्चा में हिस्सा लेंगे. हम मणिपुर की हर बात पर विस्तार से चर्चा करेंगे. हम पहले ही मांग कर चुके हैं कि मुख्यमंत्री बदला जाए. हम राजस्थान पर भी चर्चा करेंगे जहां दलितों और पिछड़ों के साथ बलात्कार हो रहा है और वहां भी सीएम बदले जाएं इस पर चर्चा करेंगे. हम 500 करोड़ रुपये की डायरी पर चर्चा करेंगे. हम छत्तीसगढ़ के साथ-साथ मध्य प्रदेश में दलितों पर हो रहे अत्याचार पर भी चर्चा करेंगे."



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जवाब देंगे केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह
विपक्षी दलों ने दलील दी कि यह मणिपुर मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को संसद में बोलने के लिए विवश करने की रणनीति भी है. सरकार इस बात पर जोर दे रही है कि मणिपुर की स्थिति पर चर्चा का जवाब केवल केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह देंगे. अविश्वास प्रस्ताव का भविष्य पहले से तय है क्योंकि संख्याबल स्पष्ट रूप से बीजेपी के पक्ष में है और विपक्षी समूह के निचले सदन में 150 से कम सदस्य हैं. 


सूत्रों ने बताया कि मणिपुर हिंसा के मुद्दे को लेकर संसद में जारी गतिरोध के बीच विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के घटक दल बुधवार को लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिया हैं. बहरहाल, यह अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि वह सदन में नोटिस पर कब चर्चा कराते हैं.


सूत्रों ने बताया कि मणिपुर के मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर संसद के भीतर बयान देने का दबाव बनाने के कई विकल्पों पर विचार करने के बाद यह फैसला किया गया कि अविश्वास प्रस्ताव ही सबसे कारगर रास्ता होगा, जिसके जरिये सरकार को इस मुद्दे पर चर्चा के लिए विवश किया जा सकेगा.