Uttarkhand News: जोशीमठ के लोगों का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है. यहां के लोगों को प्रकृति तो रुला ही रही है प्रशासन के कुछ अधिकारी भी उनके जख्मों पर नमक रगड़ने का काम कर रहे हैं. उदाहरण जोशीमठ के सिंहधार में खिसक रही भारी भरकम चट्टान का है. इसके खिसकने से लोगों की सांसे अंटकी हुई हैं, क्योंकि इसके नीचे 100 मीटर के दायरे में ही कई मोहल्ले हैं. इसके खिसककर नीचे आने से जान-माल का बहुत अधिक नुकसान होगा.


जमीन के नीचे हलचल हुई तो चट्टान का मोहल्लों पर गिरना तय


जमीन के नीचे हलचल हुई तो उस चट्टान का इन मोहल्लों पर गिरना तय है. उससे होने वाली तबाही की सोचकर ही लोग सिहर जा रहे हैं. लोगों को यह समझ नहीं आ रहा कि अब किससे गुहार लगाएं. प्रशासनिक अधिकारी आकर देख चुके हैं और स्थिति का आकलन भी कर चुके हैं. फिर भी वे स्थिति की भयावहता को नहीं समझ पा रहे हैं. जो चट्टान खिसक रही है उसके नीचे गिरसी, राम कलुड़ा, मारवाड़ी मोहल्ला और जेपी कॉलोनी हैं.


लोक निर्माण विभाग का किया गया उपाय बिल्कुल काम चलाऊ


इनमें अभी बहुत सारे लोग रहते हैं. वे डरे हुए हैं कि कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. सबसे चिंता की बात ये है कि 20 फीट से भी ऊंची इस भारी-भरकम चट्टान को रोकने के लिए जिला प्रशासन ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिए. लोक निर्माण विभाग ने जो उपाय किए हैं ,वह बिल्कुल काम चलाऊ हैं. चट्टान को रोकने के लिए विभागी अधिकारियों ने उसके नीचे लोहे के पाइप लगा दिए और कुछ लकड़ी के टेक लगाकर अपनी जिम्मेदारी को पूरा मान लिया.


चट्टान से महज 30 मीटर नीचे है गिरसी मोहल्ला


यह इलाका पहले से आपदा ग्रस्त घोषित है. धरती के नीचे हलचल का इतना अधिक प्रभाव पड़ा है कि इलाके के 151 मकानों में दरारें पड़ गई हैं. इसमें करीब 100 मकान तो ऐसे हैं जिन्हें खतरनाक घोषित किया जा चुका है. बहुत सारे परिवार अपना पुश्तैनी घर छोड़कर राहत शिविरों में रह रहे हैं लेकिन अब भी बहुत सारे लोग इन मोहलों में हैं जो भूधंसान के कारण इस खिसकती चट्टान की वजह चिंता में जीने को मजबूर हैं. सबको पता है कि इस बार यदि भूधंसान हुआ तो ये बांस बल्ली टूट जाएंगे और वह पूरा भारी-भरकम चट्टान इन मोहल्लों पर गिरकर तबाही मचा देगा.सबसे अधिक चिंता गिरसी के लोगों को है क्योंकि चट्टान से उसकी दूरी महज 30 मीटर है.


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