उत्तर प्रदेश के नोएडा में ई-स्कूटी के नाम पर एक संगठित ठगी का बड़ा मामला सामने आया है, जिसमें आम लोगों को हर माह 7 हजार रुपये की निश्चित कमाई और मूल धन वापस मिलने का लालच देकर करोड़ों रुपये की ठगी की गई. पुलिस ने इस मामले में फर्जी ई-स्कूटी कंपनी के मुख्य संचालक को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी के खिलाफ दर्जनों पीड़ितों की शिकायतों के आधार पर मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई की जा रही है.

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पुलिस के अनुसार आरोपियों ने एक कथित ई-स्कूटी स्टार्टअप कंपनी का प्रचार किया और खुद को इलेक्ट्रिक व्हीकल क्षेत्र में तेजी से उभरती कंपनी का प्रतिनिधि बताया. लोगों को यह भरोसा दिलाया गया कि यदि वे कंपनी में ई-स्कूटी बुक करने के नाम पर 85 हजार रुपये जमा करते हैं, तो उन्हें हर माह 7 हजार रुपये की तय आय दी जाएगी. साथ ही, एक निश्चित अवधि पूरी होने पर मूल निवेश राशि भी वापस करने का वादा किया गया.

कई लोगों ने निवेश में गंवाई रकम

इस आकर्षक योजना के जाल में फंसकर बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी मेहनत की कमाई कंपनी में निवेश कर दी. शुरुआत में निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए आरोपियों ने कुछ लोगों को समय पर किस्तों में पैसे लौटाए, जिससे यह योजना पूरी तरह सुरक्षित और लाभकारी प्रतीत होने लगी. इसी विश्वास के चलते धीरे-धीरे बड़ी संख्या में निवेशक जुड़ते चले गए और कंपनी ने करोड़ों रुपये एकत्र कर लिए. हालांकि कुछ महीनों बाद अचानक निवेशकों को मिलने वाली मासिक राशि बंद हो गई. जब लोगों ने कंपनी से संपर्क करने की कोशिश की तो दफ्तर बंद मिले और फोन नंबर भी बंद आने लगे. ठगी का अहसास होने पर पीड़ितों ने एकजुट होकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

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कंपनी सिर्फ कागजों में चल रही थी

जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि कंपनी का पूरा कारोबार केवल कागजों तक सीमित था. न तो ई-स्कूटी की कोई वास्तविक सप्लाई की जा रही थी और न ही कंपनी के पास किसी प्रकार की वैध व्यावसायिक अनुमति थी. तकनीकी जांच, बैंक खातों की पड़ताल और दस्तावेजों के विश्लेषण के बाद पुलिस ने मुख्य संचालक को गिरफ्तार कर लिया. पूछताछ में कई अहम जानकारियां सामने आई हैं और अन्य सहयोगियों की तलाश भी की जा रही है. डीसीपी सेंट्रल नोएडा शक्ति अवस्थी ने बताया कि किसी भी निवेश योजना में पैसा लगाने से पहले उसकी पूरी जांच-पड़ताल अवश्य करें. आसान और तय कमाई का लालच अक्सर बड़े आर्थिक नुकसान का कारण बनता है. फिलहाल मामले में आगे की कानूनी कार्रवाई जारी है और अन्य पीड़ितों से भी सामने आकर शिकायत दर्ज कराने की अपील की गई है.