केंद्र सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी कानून (MGNREGA) को खत्म करके विकसित भारत-गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) (VB-G RAM G) बिल, 2025 करने जा रही है. इसको लेकर विपक्षी दलों ने आलोचना की, अब इस मामले पर समाजवादी पार्टी के अयोध्या सांसद अवधेश प्रसाद ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि नाम बदलने से बेहतर होता कि मजदूरों की मजदूरी बढ़ाई जाए. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का सम्मान सभी के दिलों में है देश दुनिया उन्हें मानती है.

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अवधेश प्रसाद ने मांग की कि बढ़ती हुई महंगाई को देखते हुए रोजाना मजदूरी 1000 रुपए की जाए.इसके अलावा उन्होंने बकाया भी दिलाने की मांग की. विपक्षी दलों ने इस महज ध्यान भटकाने वाली राजनीति बताया और केंद्र जानकार पूर्व की सरकारों को नीचा दिखा रही है.

1000 रुपए प्रतिदिन मजदूरी की मांग

सोमवार को संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बातचीत में सपा सांसद अवधेश प्रसाद ने कहा, "महात्मा गांधी का नाम दुनिया भर में सम्मानित है और हमेशा रहेगा. मनरेगा का नाम बदलने के बजाय सरकार को मजदूरों को वेतन देने पर ध्यान देना चाहिए. कई मजदूरों को वर्षों से भुगतान नहीं मिला है. बढ़ती महंगाई को ध्यान में रखते हुए मनरेगा मजदूरों की मजदूरी को कम से कम 1000 रुपये प्रतिदिन बढ़ाना चाहिए."

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सपा सांसद ने कहा कि नाम बदलने से ग्रामीण रोजगार की जमीनी समस्याएं हल नहीं होंगी. उन्होंने अपील की कि सरकार को मनरेगा के तहत बकाया भुगतान तुरंत चुकाना चाहिए और मजदूरी दरों में वृद्धि करनी चाहिए.

कांग्रेस और विपक्ष ने जताया था ऐतराज

मनरेगा का नाम बदलने पर कांग्रेस समेत सभी विपक्षी दलों ने केंद्र की मोदी सरकार की तीखी आलोचना की थी. आरोप लगाया कि योजना में वृद्धि के बजाय सरकार नाम बदलकर ध्यान भटकाने का काम कर रही है. सरकार महंगाई और रोजगार पर गंभीर नहीं है. माना जा रहा है कि इस मुद्दे को लेकर सरकार और विपक्ष में आगे तकरार जारी रहेगी.