Narendra Giri Death Case: साधू- संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामले में जांच एजेंसी सीबीआई ने प्रयागराज की अदालत में चार्जशीट दाखिल कर दी है. सीबीआई ने चार्जशीट में महंत नरेंद्र गिरि की मौत को खुदकुशी ही माना है और हत्या किये जाने की आशंकाओं को खारिज कर दिया है.


जांच एजेंसी ने चार्जशीट में आनंद गिरि समेत उन्ही तीन लोगों को आरोपी माना है, जिनके नाम का जिक्र महंत नरेंद्र गिरि ने अपने सुसाइड नोट में किया था. सीबीआई के मुताबिक़ महंत नरेंद्र गिरि ने अपने शिष्य आनंद गिरि, हनुमान मंदिर के पूर्व पुजारी आद्या तिवारी और उसके बेटे संदीप से प्रताड़ित होकर ही मजबूरी में खुदकुशी की.


CBI ने दाखिल की 19 पन्नों की चार्जशीट


सीजेएम कोर्ट में दाखिल 19 पन्नों की चार्जशीट में जांच एजेंसी ने कहा है कि इस मामले में उसकी जांच आगे भी जारी रहेगी. यह पहली चार्जशीट है. अगर आगे की जांच में कुछ अन्य लोगों के नाम और कुछ नये सबूत सामने आते हैं तो कोर्ट में अलग से सप्लीमेंट्री चार्जशीट दाखिल की जाएगी. जांच एजेंसी सीबीआई ने महंत नरेंद्र गिरि के सुसाइड नोट को भी सही माना है.


सीबीआई के मुताबिक़ सुसाइड नोट का मिलान करीबियों व हैंड राइटिंग एक्सपर्ट के साथ ही फॉरेंसिक लैब से भी कराया गया. एजेंसी ने इसके साथ ही खुदकुशी से पहले रिकार्ड किये गए महंत नरेंद्र गिरि के वीडियो को भी सही माना है. सीबीआई को जांच में कथित वीडियो नहीं मिला है, जिसका जिक्र किया जा रहा था. जांच एजेंसी ने चार्जशीट में एक आडियो का जिक्र ज़रूर किया  है.


हरिद्वार के एक चर्चित संत के मोबाइल से आनंद गिरि ने फोन पर महंत नरेंद्र गिरि से बातचीत की थी. इस बातचीत में कहा था कि अगर महंत नरेंद्र गिरि ने उसकी बात नहीं मानी तो वह उनका एक ऐसा वीडियो सार्वजनिक कर देगा, जिससे उनके पैरों तले जमीन खिसक जाएगी.  चार्जशीट के मुताबिक़ महंत नरेंद्र गिरि ने इस धमकी के बाद ही अपने शिष्यों से किसी तस्वीर या वीडियो में छेड़छाड़ और सल्फास खाने के असर पर चर्चा की थी. चार्जशीट के मुताबिक इसी आडियो के चलते महंत नरेंद्र गिरि ने खुदकुशी की थी. आद्या तिवारी और संदीप तिवारी की भूमिका के बारे में सीबीआई ने माना है कि आनंद गिरि के उकसाने पर दोनों महंत नरेंद्र गिरि को डराते थे और उन पर दबाव बनाते थे. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में तीनों आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की दो धाराओं 306 और 120 बी के तहत आरोप पत्र दाखिल किया है. सीबीआई की चार्जशीट को प्रयागराज की सीजेएम कोर्ट ने संज्ञान ले लिया है.


महंत नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत मामला


अदालत इस मामले में 25 नवम्बर को सुनवाई करेगी. सुनवाई के बाद ही अदालत तय करेगी कि सीबीआई की इस चार्जशीट को मंजूर किया जाए या फिर खारिज. आरोपियों की तरफ से चार्जशीट का इस आधार पर विरोध करते हुए खारिज किये जाने की सिफारिश की जाएगी कि किसी भी आरोपी के खिलाफ सीधे तौर पर कोई सबूत नहीं हैं.


मुख्य आरोपी आनंद गिरि के वकील विनीत विक्रम के मुताबिक़ अदालत ने सुनवाई में तीनों आरोपियों की न्यायिक हिरासत भी 25 नवम्बर तक के लिए बढ़ा दी है. एडवोकेट विनीत विक्रम के मुताबिक़ आनंद गिरि की जमानत अर्जी अब जल्द ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में दाख़िल की जाएगी.


महंत नरेंद्र गिरि का शव संदिग्ध हालत में 20 सितम्बर को प्रयागराज के बाघम्बरी मठ में फंदे से लटका हुआ मिला था. अगले दिन आनंद गिरि की गिरफ्तारी हुई थी, जबकि सीबीआई ने 25 सितम्बर से घटना की जांच शुरू की थी. 


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