Babu Ram Yadav Padma Shri: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद के रहने वाले बाबू राम यादव का नाम 2024 के पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयनित हुआ है. मुरादाबाद के पीतल उत्पादों पर दस्तकारी के लिए उन्हें यह अवार्ड दिया जायेगा. मुरादाबाद के नागफनी इलाके के बंगला गांव की तंग गलियों में रहने वाले 74 वर्षीय बाबूराम यादव 1962 से पीतल के बर्तनों पर नक्काशी का काम कर रहे हैं. बाबूराम यादव के परिवार में तीन बेटे हैं जिनकी शादियां हो चुकी हैं. परिवार में उनकी पत्नी 70 वर्षीय मुन्नी यादव, बेटा अशोक यादव, चंद्र प्रकाश यादव और हरिओम यादव हैं, जबकि दो पौत्र और तीन पोत्रियां हैं.


हरिओम यादव के पद्मश्री अवार्ड का चयन होने के बाद से उनके घर में खुशी का माहोल है.साथ ही लोगों का बधाई देने के लिए उनके घर आने का सिलसिला जारी है. बाबू राम यादव का पद्मश्री अवार्ड के लिए चयन ब्रास मरोड़ी आर्ट की वजह से हुआ है. बाबू राम यादव यादव बताते हैं की आज शाम ही उनके मोबाइल पर गृह मंत्रालय से फोन आया और कहा गया की आपके नाम का चयन पद्मश्री अवार्ड के लिए हुआ है. तब से घर में खुशी का माहोल है बधाइयां देने वालों का तांता लगा हुआ है.


बाबूराम के दोस्त और पीतल आर्टीजन आज़म अंसारी का कहना है कि वह लंबे समय से बाबूराम के साथ काम कर रहे हैं. और बाबूराम को पदम श्री अवार्ड मिलने से उन्हें बहुत खुशी है. मुरादाबाद के सभी आर्टिजन इससे उत्साहित हैं, क्योंकि उनकी कला को इस से दुनिया भर में एक अलग पहचान मिलेगी और लोगो की ब्रास आर्ट के बारे में जानकारी बढ़ेगी.


पहले भी मिल चुके है कई अवार्ड


बाबू राम ने बताया की साल 1962 से उन्होंने पीतल पर नक्काशी का काम शुरू कर दिया था. उन्होंने बताया की उन्होंने इस काम को अपने गुरु श्री अमर सिंह से सीखा था. 1985 में सबसे पहले उन्हें स्टेट अवार्ड से सम्मानित किया गया था. जबकि साल 1992 में नेशनल अवार्ड से सम्मानित हुए. साल 2014 में शिल्पगुरु अवार्ड से सम्मानित हुए, और आज पद्मश्री के लिए उनके नाम का चयन हुआ है.


बाबूराम यादव बताते हैं की शिल्पगुरू दिलशाद हुसैन के बाद उन्हें पद्मश्री के लिए चयनित किया गया है. इससे आर्टिजन में खुशी का माहौल है. सभी आर्टिस्ट खुश हैं. बाबूराम यादव बताते हैं की उन्होंने कुछ समय पहले पद्मश्री के लिए आवेदन किया था. अब उनका नाम पद्मश्री के लिए चयन हुआ है तो उन्हें बहुत खुशी है.


'पीएम मोदी का जताया आभार'


 उन्होंने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद व्यक्त किया है. बाबूराम यादव का कहना है कि इसी तरह प्रधानमंत्री पीतल आर्टिजन को सम्मानित करते रहे और उनके हुनर को आगे बढ़ाएंगे तो बहुत अच्छा होगा इस से यह कला जीवित रहेगी और हम जैसे कारीगरों को हौंसला मिलेगा. मुझे पहले भी कई अवार्ड मिले हैं अब यह पदम श्री अवार्ड मुझे पीतल की वाल प्लेट पर मरोड़ी आर्टवर्क के लिए दिया जा रहा है.


उन्होंने बताया कि यह बहुत ही बारीक काम होता है यह कला मैंने 1962 में अपने गुरु अमर सिंह से सीखी थी. उसके बाद से लगातार मैं यह कार्य कर रहा हूं. और मेरे बेटे भी मेरे साथ काम करते हैं. परिवार के लोगों का कहना है कि हमें उम्मीद नहीं थी कि इतना बड़ा अवार्ड मिलेगा. पूरा परिवार खुशियां मना रहा है. 


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