Gyanvapi ASI Survey Report: ज्ञानवापी परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट सामने आने के बाद इस बात के सबूत पुख्ता हो गए हैं कि वहां पर एक विशाल मंदिर हुआ करता था. ज्ञानवापी में मंदिर के सबूत होने पर श्री रामजन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने प्रतिक्रिया दी हैं. उन्होंने कहा  कि रिपोर्ट से साफ हो गया है कि वहां पर एक मंदिर था. इसलिए अब कोर्ट को साक्ष्य के आधार पर हिन्दुओं के पक्ष में फैसला करना चाहिए 


आचार्य सत्येंद्र दास ने कहा, 'ये बहुत अच्छी बात है.. वो मंदिर था, मंदिर ही है. इसलिए साक्ष्यों को सार्वजनिक किया गया है, ये बहुत अच्छी बात है. सभी लोग इस बात को जान लें कि वो मंदिर ही है और मंदिर के ही साक्ष्य है और कोर्ट को भी सबूत मिल गए हैं. इसमें कोर्ट को कोई संशय नहीं है. इसलिए स्पष्ट रूप से अब हिन्दुओं के पक्ष में आदेश पारित कर दें, जिससे वहां भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित करके हिन्दू पूजा और अर्चना शुरू कर दें.' 


हिन्दुओं के पक्ष में कोर्ट दे फ़ैसला
सत्येंद्र दास ने कहा, 'जब हिन्दू पक्ष में सारे सबूत हैं और मुस्लिमों के पक्ष में कोई सबूत नहीं है. इससे साफ़ हो गया है कि ज्ञानवापी हिन्दुओं का मंदिर हैं वहां मस्जिद नहीं है. जो मस्जिद का नाम लेते है वो ग़लत है. वहां शिव का ज्ञानवापी मंदिर है उसे हिन्दुओं को दिया जाए ताकि वो वहां पूजा पाठ शुरू करे, जब वहां पर साक्ष्य मिल रहा है कि मंदिर है तो उसे अब हिन्दुओं को ही दे देना चाहिए, ताकि लोग वहाँ पूजा करना शुरू कर दें.'


आपको बता दें ज्ञानवापी की एएसआई रिपोर्ट संबंधित पक्षों को सौंप दी गई है. सर्वेक्षण रिपोर्ट में मंदिर के अस्तित्व के पर्याप्त सबूत मिलने की बात कही गई है, जिस पर मस्जिद का निर्माण किया गया था. मस्जिद के पीछे की पश्चिमी दीवार एक मंदिर की दीवार है. उस दीवार पर घण्टा, वल्लरी (लताओं का उकेरा गया चित्र) और स्वास्तिक का चिह्न मिला है. दीवार पर पत्थरों पर उकेरा गया ब्रह्म कमल का तोरण द्वार बना हुआ है.


Gyanvapi Report: 'हिन्दुओं को मंदिर सौंप दें..', ज्ञानवापी में मंदिर के सबूत मिलने पर स्वामी चक्रपाणि की मुस्लिम पक्ष को सलाह