UP News: गोरखपुर स्थित गीता प्रेस को साल 2021 के लिए गांधी शांति पुरस्कार दिए जाने की घोषणा पर सियासी घमासान जारी है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा था कि, “गीता प्रेस को गांधी शांति पुरस्कार दिया जाना, गोडसे और सावरकर को पुरस्कार दिए जाने जैसा है.'' मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस नेता के बयान को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह के बाद आजकल जयराम रमेश निगेटिव बात से समाज में द्वेष फैला रहे हैं. उन्होंने बयान के पीछे सस्ती लोकप्रियता हासिल करना बताया. उन्होंने कहा कि गीता प्रेस का 100 वर्षों से भी पुराना इतिहास है. संस्था को न्यायालय ने भी मान्यता दी है. गीता पर हाथ रख कर अदालत में शपथ दिलाई जाती है. उन्होंने दावा किया कि गीता प्रेस की महान ग्रंथ जैसी मान्यता किसी भी किताब को नहीं मिली.


मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कांग्रेस पर बोला हमला


मंत्री ने कहा कि कांग्रेस और जयराम रमेश की भी गीता जैसी मान्यता नहीं होगी. मोदी-योगी से लड़ने में नाकाम रहने पर किताब से लड़ाई शुरू कर दी. निर्जीव किताब ने जीवंता पैदा की है. महान ग्रंथ ने देश को जोड़ने का काम किया है. कांग्रेस खामी निकालकर सस्ती लोकप्रियता हासिल करने का प्रयास कर रही है. आदिपुरुष फ़िल्म पर जारी विवाद के बीच मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने कहा कि समाजवादी पार्टी के नेताओं को जनता ने नकार दिया है. इसलिए सपा नेताओं के भीतर हताशा है. उन्होंने नसीहत दी कि विपक्ष को सकारात्मक रोल अदा करना चाहिए. जनहित के खिलाफ काम करनेवाली सरकार का भंडाफोड़ करना चाहिए. फिल्म आदिपुरुष से बीजेपी का कोई लेना-देना नहीं है.


'देश के सामने मोदी- योगी जैसे नेताओं का नेतृत्व'


सेंसर बोर्ड की फिल्म को पास करने की अलग प्रक्रिया है. 2024 में मुलायम परिवार के लोगों को चुनाव लड़ाने की अटकलों पर भी दिनेश प्रताप सिंह ने निशाना साधा. उन्होंने कहा कि सभी जानते हैं कि समाजवादी पार्टी समाज की नहीं परिवार की पार्टी है. पार्टी चुनाव अपने परिवार के लोगों को लड़ाएगी. उत्तर प्रदेश की जनता खूब अच्छे से जान चुकी है. मुलायम परिवार की सीटों पर आज बीजेपी का कब्जा है. रामपुर और आजमगढ़ सपा का गढ़ कहा जाता था. बीजेपी ने सपा के किले को ध्वस्त कर दिया है. सपा की नीतियों और सिद्धांतों पर प्रदेश वासियों को अब विश्वास नहीं है. देश के सामने मोदी- योगी जैसे नेताओं का नेतृत्व है.


मायावती के पीडीए वाले ट्वीट का दिनेश प्रताप सिंह ने समर्थन किया. उन्होंने कहा कि सपा में परिवार के अलावा कोई कुछ नहीं. परिवार असली मालिक है बाकी सब नौकर हैं. बहन मायावती ने कुछ भी गलत नहीं कहा. कांग्रेस की बैठक पर भी दिनेश प्रताप सिंह ने टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अमेठी से चुनाव हार गए. कैसा प्रयोग कांग्रेस करना चाहती है. मुझे नहीं लगता कि  पूर्व एमएलए, एमपी, एमएलसी को चुनाव लड़ाने से फायदा होगा. कई बार के सांसद रहे राहुल गांधी को जनता ने स्वीकार नहीं किया. उन्होंने दावा किया कि आगामी चुनाव में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुलनेवाला है. 


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