Mayawati on Dinesh Khatik: यूपी के योगी सरकार के एक मंत्री के इस्तीफे ने जैसे राजनीतिक हलचल बढ़ा दी है. जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) ने इस्तीफा देते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं जिसकी न केवल सत्ता के गलियारे में बल्कि विपक्ष में भी चर्चा हो रही है. विपक्ष ने इस मुद्दे पर बीजेपी (BJP) को घेरना शुरू कर दिया है. पूर्व सीएम और बसपा प्रमुख मायावती (Mayawati) ने  बीजेपी को दलितों की उपेक्षा करने वाला करार दिया है. बता दें कि दिनेश खटीक दलित समाज से आते हैं.


दलितों की उपेक्षा निंदनीय - मायावती


मायावती ने ट्विटर के जरिए इस मुद्दे पर अपनी राय जाहिर की और दलित मंत्री की उपेक्षा के आरोप लगाए. उन्होंने लिखा, 'उत्तर प्रदेश बीजेपी मंत्रिमंडल के भीतर भी दलित मंत्री की उपेक्षा अति-निंदनीय और दुर्भाग्यपूर्ण. ऐसी खबरें राष्ट्रीय चर्चाओं में. सरकार अपनी जातिवादी मानसिकता व दलितों के प्रति उपेक्षा, तिरस्कार, शोषण व अन्याय को त्याग कर उनकी सुरक्षा व सम्मान का ध्यान रखने का दायित्व जरूर निभाए.'



दिनेश खटीक का इस्तीफा, विपक्ष के लिए मौका


योगी आदित्यनाथ सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने वाले विपक्ष को दिनेश खटीक के इस्तीफे ने विरोध का एक और अवसर उपलब्ध करा दिया है. मायावती से पहले सपा प्रमुख अखिलेश यादव और रालोद ने भी बीजेपी को दलित विरोधी बताया है. अखिलेश यादव ने तो तंज मारते हुए कहा कि 'बुलडोजर कभी उल्टा भी चलता है.' वहीं, रालोद ने कहा कि जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक का इस्तीफा सरकार की दलित विरोधी मानसकिता को दर्शाता है.


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बता दें कि दिनेश खटीक ने इस्तीफा देते हुए आरोप लगाए हैं कि दलित मंत्री होने के नाते उनके विभाग में उनकी सुनवाई नहीं होती है. उन्होंने सरकारी परियोजना और तबादले में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के नाम चिट्ठी में लिखा, 'जब विभाग में दलित समाज के राज्यमंत्री का कोई अस्तित्व नहीं है तो फिर ऐसी स्थिति में राज्यमंत्री के रूप में मेरा कार्य करना दलित समाज के लिए बेकार है. इन्हीं सब बातों से आहत होकर मैं त्यागपत्र दे रहा हूं.'


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