UP Lok Sabha Election 2024: बहुजन समाज पार्टी का लगातार गिरता जनाधार उसके लिए लंबे समय से परेशानी का सबब बना हुआ था. 2019 का गठबंधन छोड़ दें तो तो 2012 से बसपा की सीटों में लगातार गिरावट देखने को मिल रही थी जिस कारण बहुजन समाज पार्टी पिछले कुछ समय से खासा परेशान चल रही थी . इस परेशानी से निकलने के लिए बसपा ने इस बार 2024 के चुनाव में अपने काडर के लोगों को आगे बढ़ने का मन बनाया है. इसके लिए पिछले तकरीबन 1 साल से बसपा के काडर कैंप गांव गांव लग रहे थे और वहां से आई रिपोर्ट के आधार पर कई सीटों पर काडर के प्रत्याशी उतारे गए हैं.


इन सीटों पर मिले काडर के लोगों को टिकट
बहुजन समाज पार्टी ने जिन सीटों पर काडर के लोगों को टिकट दिया है उसमें आजमगढ़ सीट से भीम राजभर, लालगंज की सीट से डॉक्टर इंदु चौधरी , कौशांबी की सीट से शुभ नारायण, जालौन की सीट से सुरेश चंद्र गौतम , बुलंदशहर की सीट से गिरीश चंद्र जाटव , रॉबर्ट्सगंज की सीट से धनेश्वर गौतम, फूलपुर की सीट से जगन्नाथ पाल और हरदोई सुरक्षित सीट से भीमराव अंबेडकर शामिल हैं.


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2007 का फार्मूला फिर दोहरा रही है बसपा
बहुजन समाज पार्टी 2007 में फुल मेजॉरिटी के साथ उत्तर प्रदेश में सत्ता में आई थी . इस दौरान 2007 में उसने काडर के साथ-साथ सोशल इंजीनियरिंग पर भरोसा जताया था, पर इसके बाद से अलग-अलग समय पर बहुजन समाज पार्टी द्वारा बाहरी लोगों को बढ़ावा देने के कारण बसपा का काडर कमजोर हुआ है.


2024 के चुनाव को लेकर बहुजन समाज पार्टी ने कांशीराम की तर्ज पर काडर को बढ़ावा देने का मन बनाया और उसी के चलते गांव गांव काडर कैंप लगाया गया .जब लोकसभा चुनाव में टिकटों का बंटवारा हुआ तो काडर के लोगों को पूछा गया कि कितने लोग चुनाव लड़ने के इच्छुक हैं. उसी के आधार पर टिकट बांटा गया. वही इस बार बहुजन समाज पार्टी ने सोशल इंजीनियरिंग भी खूब की है .


ब्राह्मण समाज से लेकर क्षत्रिय समाज के लोगों को अच्छी संख्या में टिकट दिए गए हैं तो वहीं मुस्लिम बाहुल्य सीटों पर उन्हें भी तवज्जो दी गई है.