Varanasi News: वाराणसी (Varanasi) में रंग भरी एकादशी (Rangbhari Ekadashi) के दूसरे दिन महाशमशान मणिकर्णिका घाट (Manikarnika Ghat) पर चिता भस्म होली का आयोजन किया गया. जलती चिताओं के बीच डमरू के गणगणाहट पर हर-हर महादेव उद्घोष के साथ चिता की राख से होली खेली गई. इस होली को लेकर ऐसी मान्यता है कि बाबा विश्वनाथ स्वयं अपने भूत-प्रेत के साथ होली खेलने शमशान पहुंचते हैं. इसी परम्परा के साथ काशी में आज भी इसी तरह होली खेली जाती है. इसी के साथ शनिवार को बाबा मसाननाथ को शराब भी चढ़ाई गई.


महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर शनिवार सुबह से ही लोगों का तांता लगना शुरू हो गया. हालात ऐसे थे कि पैर रखने की जगह तक नहीं बची. हर तरफ सिर्फ जनसैलाब ही दिख रहा था. काशी में एक तरफ चिताएं धधक रही थीं तो वहीं दूसरी ओर चिताओं की राख से साधु-संत होली खेलते हुए नजर आ रहे थे. साथ ही भीड़ में मौजूद लोग भी खुद को नहीं रोक सके और साधु-संतों के साथ इस अनोखी होली में भागीदार बनते हुए नजर आए. सिर्फ देश ही नहीं बल्कि विदेश के लोगों ने भी होली खेली. 



होरी खेलें मसाने में... थिरकते नजर आए लोग
महाश्मशान मणिकर्णिका घाट पर चारों तरफ होरी खेलें मसाने में... के बोल पर होरी गूंजी इस गाने पर सब लोग थिरकते हुए नजर आए. चिता भस्म होली खेलने के लिए घाट पर शिव भक्तों का हुजूम लग गया और इस कदर उमड़ गया कि पैर रखने की जगह भी नहीं बची. वहीं दूसरी ओर श्मशान पर अंतिम संस्कार के लिए शवों को लेकर लोग भी घाट पर पहुंचते रहे. कहीं चिताएं लगती रहीं तो कहीं मुखाग्नि दी जाती रही. भस्मों की इस राख से साधु-संतों ने जमकर होली खेली. विदेश के लोग भी चिता भस्म होली के साक्षी बनते नजर आए.


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