Lok Sabha Election 2024: उत्तर प्रदेश में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फिलहाल समीकरण बन बिगड़ रहे हैं. 2 हफ्ते पहले ही समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और राष्ट्रीय लोकदल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चौधरी ने सपा-रालोद के बीच अलायंस पर पुष्टि की थी. दोनों ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर फोटो शेयर कर भारतीय जनता पार्टी और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के खिलाफ चुनाव लड़ने का दम भरा था.

हालांकि अब दोनों ओर से स्थितियां विपरीत नजर आ रही हैं. एक ओर जहां अखिलेश को 'उम्मीद है' कि जयंत किसानों की लड़ाई कमजोर नहीं पड़ने देंगे तो वहीं दूसरी ओर रालोद से चुप्पी है. दरअसल, मंगलवार से ही यह दावा किया जा रहा है कि रालोद, एनडीए में शामिल हो सकती है. हालांकि अभी तक किसी भी ओर से कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं की गई है. 

दीगर है कि  यूपी की 10-12 लोकसभा सीटों पर जाटों का प्रभाव है. लगभग 11 जिलों में जाट वोटर निर्णायक भूमिका निभाते रहे हैं. मुजफ्फरनगर, मेरठ, अमरोहा, बागपत, बुलंदशहर, अलीगढ़, मथुरा बिजनौर और आगरा जिले में जाट वोटर हैं. पश्‍चिमी यूपी की कुल आबादी करीब साढ़े पांच करोड़ हैं. पश्चिमी यूपी में 17 प्रतिशत आबादी जाटों की है.राज्य में विधानसभा की करीब 50 सीटों का फैसला जाट समुदाय के हाथ में है.

आइए हम आपको कुछ आंकड़ों जरिए बताते हैं कि कैसे अभी तक रालोद की सपा और कांग्रेस के साथ केमेस्ट्री फिट नहीं बैठती और न ही वह अकेले चुनाव लड़कर सफल हो पाई है.

विधानसभा के लिए ये कहते हैं आंकड़े-
अगर हम साल 2002 से यूपी के विधानसभा चुनावों की बात करें तो उस वक्त रालोद, बीजेपी के साथ 38 सीटों पर चुनावी मैदान में उतरी और 14 पर जीत हासिल की. वहीं 2.48% वोट मिले. फिर साल 2007 में रालोद अकेले चुनाव लड़ी और 254 सीटों पर इलेक्शन लड़कर सिर्फ 10 पर जीत हासिल की. उसे कुल मत में से 3.70% वोट मिले.

साल 2012 में रालोद कांग्रेस के साथ  46 सीटों पर चुनाव लड़ी और 9 पर जीती. उस चुनाव में रालोद को 2.33 फीसदी वोट मिले. फिर साल 2017 में रालोद अकेले चुनाव लड़ी और 277 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर उसे निराशा हाथ लगी और 1.78 फीसदी वोट के साथ सिर्फ 1 वोट मिले.

इसके बाद जब सपा के साथ रालोद 33 विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव लड़ी तो उसे 2.85 फीसदी वोटों के साथ 8 सीटों पर सफलता हासिल हुई.

विधानसभा चुनाव

चुनाव लड़े

सीटे जीतीं

वोट प्रतिशत

2002 (बीजेपी)

38

14

2.48%

2007 (अकेले)

254

10

3.70%

2012 (कांग्रेस के साथ)

46

9

2.33%

2017 (अकेले)

277

1

1.78%

2022 (एसपी के साथ)

33

8

2.85%

लोकसभा में क्या था हाल?
इसके अलावा लोकसभा चुनाव की बात करें तो साल 1999 में 15 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली रालोद सिर्फ 2 पर जीती और उसे 0.37 फीसदी वोट मिले. साल 2004 में पार्टी सपा के साथ 10 सीटों पर मैदान में उतरी और 4.49 फीसदी वोटों के साथ 3 सीटों पर जीत दर्ज की. इसके अलावा साल 2009 में रालोद ने बीजेपी के साथ 7 सीटों पर इलेक्शन लड़ा और  1 फीसदी वोट के साथ 5 सीटों पर जीत हासिल की.

इसके बाद साल 2014 का चुनाव रालोद ने कांग्रेस के साथ लड़ा. 8 सीटों पर चुनाव लड़ने वाली रालोद का 0.50 फीसदी वोट के साथ खाता भी नहीं खुला.

साल 2019 में बसपा-सपा के साथ लोकसभा चुनाव लड़ा 3 सीटों पर इलेक्शन लड़ा और 1.7 फीसदी वोट मिले लेकिन एक भी लोकसभा सीट नहीं मिली.

लोकसभा चुनाव

चुनाव लड़े

सीटे जीतीं

वोट प्रतिशत

1999

15

2

0.37%

2004 (एसपी के साथ)

10

3

4.49%

2009 (बीजेपी के साथ)

7

5

1%

2014 (कांग्रेस के साथ)

8

0

0.50%

2019 (SP-BSP के साथ)

3

0

1.7%

2022 विधानसभा चुनाव में सपा-रालोद अलायंस का प्रदर्शन
अगर हम साल 2022 के यूपी विधानसभा चुनाव की बात करें तो पश्चिमी यूपी   में एसपी-आरएलडी गठबंधन को बढ़त मिलती दिखी. सपा-रालोद अलायंस ने शामली जिले की सभी तीन सीटें ,मुरादाबाद की 6 में से 5 ,मुजफ्फरनगर की 6 में 4,संभल में 4 में से 3,मेरठ की 7 में से 4 ,रामपुर की 5 में से 3 और फिरोजाबाद की 5 में से 3 सीटें जीती. इसके अलावा   बिजनौर जिले में 8 में से 4 सीटें अमरोहा की 4 में से 2 बदायूं की 6 में से 3 और मैनपुरी की 4 में से 2 सीट जीत कर बीजेपी को कांटे की टक्कर दी थी. अब यह देखना दिलचस्प होगा कि रालोद के अलायंस का ऊंट किस करवट बैठेगा और वह किसकी 'उम्मीद' पर खरा उतरेंगे. रिसर्च इनपुट- अभिषेक पांडेय