Lok Sabha Elections 2024: ऑल इंडिया इत्तेहादुल मुस्लिमीन के मुखिया और हैदराबाद के सांसद असदुद्दीन ओवैसी गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे, जहां उन्होंने भारतीय जनता पार्टी पर जमकर हमला किया है. लेकिन, इस बार ओवैसी यूपी के चुनाव में सिर्फ जुबानी खर्च ही करते दिखाई दे रहे हैं. उनकी पार्टी की ओर से एक भी सीट पर कोई प्रत्याशी उतारा नहीं गया है. मुरादाबाद में वकी रशीद ने पर्चा भरा था लेकिन बाद में वह चुनाव से पीछ हट गए. पहले चरण के नामांकन के बाद पार्टी के प्रवक्ता सैयद असीम वकार ने कहा था कि हम इस चुनाव में यूपी में कोई उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. अब सपा और बसपा चुनाव में अपनी जीत दर्ज कराएं. 


उत्तर प्रदेश में असदुद्दीन ओवैसी की AIMIM ने पल्लवी पटेल की अपना दल कमेरावादी पार्टी के साथ गठबंधन किया है. दोनों मिलकर यूपी में पीडीएम (पिछड़े, दलित और मुस्लिम) के साथ थर्ड फ़्रंट बनाया है लेकिन उनकी पार्टी ने यूपी में एक भी उम्मीदवार को नहीं उतारा है. बावजूद इसके असदुद्दीन ओवैसी यूपी आ रहे हैं और लगातार चुनाव प्रचार में भी शामिल हो रहे हैं. 


वाराणसी में ओवैसी ने किया चुनाव प्रचार
गुरुवार को वाराणसी लोकसभा सीट से अपना दल (कमेरावादी) के उम्मीदवार हरीश मिश्रा के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पहुंचे असदु्द्दीन ओवैसी ने बीजेपी पर जमकर हमला किया और दावा किया कि वो पल्लवी पटेल के उम्मीदवारों के समर्थन में चुनाव प्रचार के लिए आते रहेंगे. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार उनकी पार्टी खाता जरूर खोलेगी. 



ओवैसी से जब ये पूछा गया कि क्या वो कन्नौज, अमेठी और रायबरेली में चुनाव प्रचार करेंगे तो ओवैसी ने कहा, जहां-जहां PDM उम्मीदवार लड़ेंगे, हमारी बहन (पल्लवी पटेल) उम्मीदवार देंगी हम वहां-वहां चुनाव प्रचार करने जाएँगे. कहते है भड़काऊ भाषण देते है, तो भड़काऊ ही देंगे. यानी ओवैसी यूपी में प्रचार के लिए तो आते रहेंगे लेकिन उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ेगी. 


दरअसल असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ने यूपी में पल्लवी पटेल के साथ मिलकर पीडीएम मोर्चा बनाया है. इसे समाजवादी पार्टी के पीडीए के जवाब के तौर पर देखा जा रहा है. सपा से गठबंधन टूटने के बाद पल्लवी पटेल ने ओवैसी के साथ यूपी में हाथ मिलाया था. ओवैसी ने पल्लवी पटेल से हाथ तो मिला लिया है लेकिन AIMIM एक भी सीट पर चुनाव नहीं लड़ेगी. 


सूत्रों के मुताबिक़ असदुद्दीन ओवैसी ने कांग्रेस के दबाव में आकर अपना कोई उम्मीदवार नहीं उतारा है. दावा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी के कहने पर ही मुस्लिम वोटों का बंटवारा रोकने के लिए उनकी पार्टी चुनाव नहीं लड़ रही हैं. AIMIM के पूर्व प्रवक्ता फरहान ने एबीपी न्यूज़ से कहा था कि राहुल गांधी से डील करने के बाद ओवैसी ने प्रत्याशी नहीं उतारा.


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