Priyanka Gandhi Vadra In UP Politics: विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद प्रियंका गांधी वाड्रा का उत्तर प्रदेश की सियासत में दखल कम हो गया था. अब वो वापस लौटी हैं तो कार्यकर्ताओं में उम्मीद भी जगी है.सवाल है कि प्रियंका ने यूपी में एंट्री के लिए सहारनपुर को ही क्यों चुना ? दरअसल यूपी में कांग्रेस को जिन सीटों पर सबसे ज्यादा उम्मीद है उसमें सहारनपुर भी है.


कांग्रेस के लिए यहां सबसे मजबूत कड़ी इमरान मसूद हैं.जिन्होंने राजनीति में घाट-घाट का पानी पीया है और करीब 20 साल से सियासत कर रहे हैं. साल 2006 में वो सहारनपुर से नगर पालिका परिषद के चेयरमैन बने थे. इसके बाद 2007 में विधानसभा चुनाव हुए.तो निर्दलीय लड़कर मुजफ्फराबाद से विधायक बने.


हालांकि इसके बाद उन्होंने 4 बार विधानसभा और लोकसभा का चुनाव लड़ा लेकिन हार गए. बड़ी बात ये थी कि हर चुनाव में उन्हें बंपर वोट मिले थे.साल 2012 में नकुड़ विधानसभा से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा.और सिर्फ 4 हजार वोट से हार गए.


मसूद को जेल भी जाना पड़ा था...
इसी तरह साल 2014 में सहारनपुर से कांग्रेस के टिकट पर लोकसभा का चुनाव लड़ा.तब इन्हें 4 लाख से ज्यादा वोट मिले थे.और 65 हजार वोट से हार हुई थी ये वही चुनाव था.तब इमरान मसूद ने पीएम मोदी पर विवादित टिप्पणी की थी और जेल भी जाना पड़ा था. 


इमरान मसूद ने साल 2017 में फिर कांग्रेस के टिकट पर नकुड़ विधानसभा से चुनाव लड़ा.और 3 हजार वोट से हार गए. 


पिछली बार 2019 में भी इन्होंने कांग्रेस के टिकट पर सहारनपुर से लोकसभा चुनाव लड़ा.और सपा-बसपा के गठबंधन के बावजूद 2 लाख से ऊपर वोट मिले और बीएसपी ने ये सीट जीत ली.  इमरान मसूद साल  2022 विधानसभा चुनाव के वक्त समाजवादी पार्टी में चले गए थे लेकिन उन्हें टिकट नहीं दिया गया. सपा छोड़कर बसपा में शामिल हुए लेकिन ज्यादा दिनों तक वहां भी नहीं टिक पाए.अब फिर वो लौटकर कांग्रेस में शामिल हो गए हैं.और पहली बार संसद पहुंचने का रास्ता तैयार में जुटे हैं.