Lok Sabha Election 2024: सियासत की रणभूमि पर चुनाव का बिगुल चुनाव आयोग ने फूंक दिया है. चुनावी युद्ध पूरे देश में 7 चरणों में होगा ,किसकी होगी जीत, कौन होगा परास्त..? ये  तो आने वाला वक्त ही बताएगा. यूपी की 80 सीटों में एक महत्वपूर्ण सीट कानपुर लोकसभा चर्चा में है. सपा कांग्रेस गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के खाते में है लेकिन बीजेपी ने चुनाव से पहले ही कांग्रेस के गढ़ में कांग्रेस के संभावित दावेदार और राष्ट्रीय सचिव अजय कपूर को सेंधमारी कर अपने खेमे में ले लिया है जिससे कांग्रेस और सपा दोनों को बड़ा झटका लगा है.


सीट जीतने की कवायत में नई रणनीति में सपा कांग्रेस की चर्चा, कयासों का बाजार गर्म है. कांग्रेस के अजय कपूर के चुनाव से पहले बीजेपी में शामिल होने से कानपुर सीट पर मुख्य तौर पर कांग्रेस और उसके बाद गठबंधन के दूसरे दल सपा को भी निराशा हुई है. अब कांग्रेस के खाते में ये सीट है लेकिन उसके पास इस सीट पर बीजेपी को टक्कर देने के लिए कोई मजबूत चेहरा दिखाई नहीं दे रहा है, जो बीजेपी के संभावित प्रत्याशी को टक्कर देखकर ये सीट छीन सके. जिसको लेकर अब कांग्रेस इसी शहर से ऐसे चेहरे की तलाश में है जो उनकी लड़ाई को जीत में बदल दे.


बीजेपी का खेल बिगाड़ सकते अमिताभ बाजपाई..?
वहीं ये भी चर्चा है कि कानपुर से सपा विधायक अमिताभ बाजपाई को ब्राह्मण होने के चलते कांग्रेस अपने सिंबल पर चुनाव लड़ाने की तैयारी कर सकती है. अभिताभ वर्तमान में जीते हुए विधायक है, ब्राह्मण है और जनता के बीच अच्छी पकड़ भी रखते हैं. ऐसे में अगर बीजेपी अजय कपूर को अपना प्रत्याशी बनाती है तो अमिताभ बाजपाई शहर में ब्राह्मण वोट आसानी से काट सकते हैं जिसकी बड़ी संख्या मौजूद है और इंडिया गठबंधन को मुस्लिम, यादव, ब्राह्मण वोटरों के साथ पार्टी का फिक्स वोट भी मिलेगा जो बीजेपी का समीकरण खराब कर सकता है.


सपा कांग्रेस गठबंधन में कांग्रेस के पास वर्तमान में कोई चेहरा नहीं दिखाई दे रहा है जो बीजेपी को टक्कर दे सके क्योंकि कांग्रेस के कद्दावर नेता अजय बीजेपी में शामिल हो गए है ऐसे में जीत अधर में दिखाया दे रही है लेकिन सपा विधायक अमिताभ बाजपाई की चर्चा कुछ मामलों को लेकर अटक रही है. कांग्रेस सपा विधायक को कानपुर सीट से अपने सिंबल पर लड़ाना चाहती है लेकिन सपा के वर्तमान विधायक को कांग्रेस के सिंबल पर लड़ाने के लिए सपा कितनी तैयार है ये मामला अभी अटका है.


फिलहाल कयास ये भी लगाए जा रहे हैं कि अगर सपा अमिताभ को कांग्रेस के सिंबल पर लड़ाने को तैयार भी हुई तो अमिताभ की पत्नी को भी प्रत्याशी बनाकर ब्राह्मण वोट काटे जा सकते हैं और जिससे बीजेपी का खेल खराब हो सकता हैं, अब देखना है कि क्या कांग्रेस कानपुर के सपा विधायक अमिताभ बाजपाई को गठबंधन का प्रत्याशी बनाती है, क्या सपा अपने विधायक अमिताभ को कांग्रेस के सिंबल पर लड़ाने के लिए तैयार होगी, लेकिन इस बार इस सीट पर चुनाव दिलचस्प होगा.


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