UP Politics: उत्तर प्रदेश में सोमवार को बीजेपी द्वारा समर्थित समाजवादी पार्टी के बागी विधायक नितिन अग्रवाल को उत्तर प्रदेश विधानसभा उपाध्यक्ष चुना गया. जिसके बाद विधानसभा सत्र के दौरान नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने बीजेपी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 'बीजेपी ने छल किया है, बीजेपी ने इस परंपरा को तोड़ा है. हमारे 49 विधायक थे, जिसमें 2 नहीं आए, नितिन उधर चले गए. जिसके बाद 46 बचे. वहीं हमें 61 कुल वोट मिले. जिसमें एक वोट इनवैलिड हो गया.'


BJP पर साधा निशाना


उनका आरोप है कि बीजेपी ने निर्वाचित उपाध्यक्ष का भी अपमान किया और सदन में पीठ पर ना बैठा करके उन्हें नीचे बैठाया. उन्होंने कहा कि संसदीय परंपराओं का हनन करने में बीजेपी सबसे आगे है. उसने लोकतंत्र की हत्या की है. आज की वोटिंग से यह साफ हो गया है कि 2022 में सपा सत्ता में आ रही है. हमारे जो वोट बढ़े हैं वो बीजेपी के हैं, बीजेपी कुर्मी विरोधी है.


लोकतंत्र का हुआ चीर हरणः नरेंद्र वर्मा


वहीं नरेंद्र वर्मा ने कहा कि उनके पास बहुमत था. उन्होंने लोकतंत्र का चीर हरण किया है, विपक्ष के उम्मीदवार को संसदीय परंपराओं के अनुसार उपाध्यक्ष का पद मिलता है. यह बीजेपी की संवैधानिक हार है. संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने कहा कि सपा ने परंपराओं को तोड़ा है. यह ऐतिहासिक तथ्य 2007 से 2012 तक जब सपा के पक्ष में थी तब भी कोई उम्मीदवार नहीं कर पाए. 


संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना ने किया बचाव


उन्होंने आगे कहा कि 2012 से 2017 तक सपा की सरकार थी तब भी नियमों के अनुसार उपाध्यक्ष चुनाव होना चाहिए था लेकिन तब भी नहीं कराया गया. सपा ये जानती थी कि अगर वह नाम घोषित करेंगे तो सिर फुटव्वल होगा. हमने एक युवा को समाजवादी पार्टी के विधायक को समर्थन किया. 


उनका कहना है कि बीजेपी की सरकार ने परंपराओं का पालन किया. नितिन अग्रवाल के पक्ष में 307 वोट पड़े थे लेकिन 3 वोट खारिज हो गए और बीजेपी के 9 सदस्य आज वोट देने के लिए नहीं पहुंचे थे. उन्होंने पार्टी को पहले ही अवगत करा दिया था. किसी प्रकार की कोई क्रॉस वोटिंग बीजेपी में नहीं हुई. सपा के उम्मीदवार को तो 78 वोट विपक्ष के मिलने चाहिए थे.


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