Kushinagar News: कुशीनगर में एबीपी न्यूज की खबर का बड़ा असर हुआ है, प्रशासन ने प्रसूता की मौत के मामले में खबर पर संज्ञान लेते हुए अस्पताल प्रबंधन और नर्स स्टाफ के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. प्रसव के दौरान एक महिला की मौत के मामले में पुलिस ने उसके देवर की तहरीर केस दर्ज कर लिया है. पुलिस ने तहरीर के आधार पर अस्पताल के संचालक, डॉक्टर व अन्य स्टाफ के विरुद्ध गैर-इरादतन हत्या का मामला दर्ज किया है. उधर, घटना की जानकारी होने के बाद स्वास्थ्य विभाग की टीम ने नगर में छापा मारकर दो अस्पतालों को सील किया.


जिले के हाटा नगर पालिका क्षेत्र के वार्ड नंबर-17 थरुआडीह निवासी राजन कन्नौजिया की 26 वर्षीय पत्नी नीतू कन्नौजिया को प्रसव पीड़ा होने पर शनिवार को दोपहर में परिजन हाटा के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए थे. बताया जा रहा है कि वहां हालत गंभीर बताकर डॉक्टर ने जिला अस्पताल रेफर कर दिया था, लेकिन अस्पताल में ही घूम रहे दलाल ने उसे बेहतर इलाज का दिलासा देते हुए उसी वार्ड के एक निजी अस्पताल में ले जाने को कहा, जहां पहुंचने पर अस्पताल के डॉक्टर ने प्रसूता के ऑपरेशन की जरुरत बताई.


मृतका के देवर ने दर्ज कराया मुकदमा
परिजनों की सहमति पर डॉक्टर ने महिला का ऑपरेशन किया, लेकिन महिला की हालत बिगड़ने लगी. उसके बाद महिला की हालत गंभीर बताकर उसे जिला अस्पताल ले जाने के लिए सलाह दी और अस्पताल बंद करके भाग गए. परिजनों का था कि उस वक्त प्रसूता की मौत हो चुकी थी. नवजात की हालत भी गंभीर देखते हुए परिजन उसे गोरखपुर लेकर चले गए. मृतका के देवर जितेंद्र कन्नौजिया ने हाटा कोतवाली में अस्पताल के संचालक, डॉक्टर, स्टॉफ और एजेंट के खिलाफ पुलिस को तहरीर देकर कार्रवाई की मांग की की थी. 


पुलिस ने मृतका के देवर जितेंद्र कन्नौजिया की तहरीर पर न्यू गोल्ड अस्पताल के संचालक, डॉक्टर, स्टॉफ और एजेंट के खिलाफ गैर इरादतन हत्या एवं मेडिकल काउंसिल एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है. सभी आरोपियों का नाम पता अज्ञात होने की वजह से पुलिस इनके बारे में पता लगा रही है.


सीएचसी प्रभारी ने घटना को लेकर क्या कहा 
हाटा सीएचसी के प्रभारी चिकित्साधिकारी डॉ. अमित गुप्ता का कहना है कि प्रसव के बाद एक अस्पताल में एक प्रसूता की मौत की जानकारी मिली है. उस अस्पताल के संचालक व अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज हुआ है. साथ ही जिला अस्पताल हो या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र इन केंद्रों पर दलाल सक्रिय रहते है और भोलेभली जनता को अस्पताल से ही बहला-फुसला कर मौत के सेंटर में लेकर जाते है. जिससे आये दिन इन मानक विहीन अस्पतालों में मौत की घटना होती है.


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