Kaushambi News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी में लगभग 12 दिन पहले एक्सयूवी सवार गुजरात के कारोबारी को अगवा कर 15 लाख की लूट को अंजाम दिया गया था. अब कौशांबी पुलिस ने इस मामले का सनसनीखेज खुलासा किया है. पुलिस को इस ब्लाइंड रॉबरी में फास्ट टैग (FASTag) के जरिए सफलता मिली और अब लूट कांड में शामिल 4 अंतर्जनपदीय लुटेरों को गिरफ्तार कर लिया गया. जांच के दौरान पुलिस को एक आरोपी की गाड़ी से लूटे हुए 15 लाख रुपये भी मिल गए. इसके अलावा, लुटेरों के पास से फर्जी नंबर प्लेट की सफारी गाड़ी, वादी का आधार कार्ड, 4 मोबाइल और 30 सिम कार्ड बरामद हुए. 


2 और आरोपियों की तलाश में पुलिस
बताया जा रहा है कि लूट में 6 आरोपी शामिल थे, जिनमें से 4 को पकड़ लिया गया है और दो लुटेरे अभी भी पुलिस की गिरफ्त से दूर हैं. कौशांबी पुलिस इन आरोपियों की तलाश में जुटी है और उनकी तलाश में जुटी है. बता दें, लुटेरों की गिरफ्तारी के लिए एडीजी प्रयागराज प्रेम प्रकाश के नेतृत्व में एसओजी समेत 5 टीमें गठित की गई थीं. 


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क्या था मामला?
गुजरात के पाटन जिले का रहने वाला अजीत उर्फ पिंटू सिंह आलू की खरीद और बिक्री का कारोबार करता है. पुलिस द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, 1 अक्टूबर की रात को अजीत वाराणसी से कैश लेकर अपने ड्राइवर के साथ गुजरात के लिए निकला था. गाड़ी आधी रात को कोखराज के हाइवे स्थित ककोढ़ा के पास ही पहुंची थी कि तभी दो गाड़ियों में सवार होकर आए बदमाशों ने कारोबारी की गाड़ी को ओवरटेक कर के रोक लिया. विरोध करने पर बदमाशों ने कारोबारी और उसके ड्राइवर के साथ मारपीट की और उन्हें किडनैप कर लिया. साथ ही, 15 लाख रुपये से भरे कैश का एक बैग भी लूट लिया. इसके बाद थोड़ी दूर आगे जाने के बाद लुटेरे कारोबारी और ड्राइवर को गाड़ी सहित छोड़कर फरार हो गए.


हाई प्रोफाइल केस के लिए लगाई गईं 5 टीमें
बिजनसमैन अजीत ने तुरंच ही पुलिस को इस लूट की सूचना दी. सूचना मिलते ही कोखराज पुलिस हरकत में आई और लुटेरों की धरपकड़ में जुट गई. हाई प्रोफाइल मामला होने के चलते कौशांबी एसपी एएसपी के अलावा प्रयागराज जोन के एडीजी प्रेम प्रकाश भी पहुंचे. उन्होंने कारोबारी से पूछताछ की और घटनास्थल का मुआयना किया. कारोबारी की तहरीर पर लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया गया. इसके बाद, लूट कांड का खुलासा करने के लिए एडीजी के निर्देश पर अपर पुलिस अधीक्षक समर बहादुर सिंह, सिराथू क्षेत्राधिकारी डॉ. कृष्ण गोपाल सिंह, चायल क्षेत्राधिकारी श्याम कांत, कोखराज प्रभारी निरीक्षक तेज बहादुर और एसओजी प्रभारी सिद्धार्थ सिंह के नेतृत्व में पांच टीमें गठित की गईं.


फास्ट टैग की मदद से पुलिस पहुंची बदमाशों तक
टीमों ने अलग-अलग जगहों पर जाकर घटना के बारे में पूछताछ शुरू की. इसके अलावा, वाराणसी से लेकर कौशांबी तक जितने भी टोल प्लाजा मिले, उनपर पहुंचकर लुटेरों की गाड़ियों की डिटेल खंगाली गई. लेकिन लूट कांड में शामिल दोनों ही गाड़ियों के नंबर फर्जी होने के चलते पुलिस को सफलता नहीं मिली. हालांकि, पुलिस ने जब फास्ट टैग की डिटेल निकाली तो उससे लुटेरों के पास पहुंचने का सुराग मिल गया. पुलिस के अनुसार, फास्ट टैग भी फर्जी तरीके से बनवाया गया था. लेकिन उसमें मोबाइल नंबर और बैंक अकाउंट डिटेल सही साझा किए गए थे. 


लखनऊ के राजाजीपुरम से मिला लूटा हुआ केश
पुलिस ने बताया कि बैंक खाते की डिटेल और मोबाइल नंबर लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी अंकित गुप्ता के थे. इसके बाद पुलिस अंकित के घर पहुंची और उसे दबोच लिया. उसकी गाड़ी से 15 लाख रुपये भी बरामद किए गए. अंकित ने पूछताछ के दौरान लूटकांड में शामिल लखनऊ के ही अनूप शुक्ला, आदित्य वर्मा और उदय प्रताप के नाम का खुलासा किया. अंकित की निशानदेही पर इन तीनों को भी गिरफ्तार कर लिया गया. सख्ती से पूछताछ किए जाने पर चारों आरोपियों ने अपना जुर्म कबूल कर लिया.


लूट के मास्टरमाइंड अभी भी फरार
इसके अलावा, लूटकांड के मास्टर माइंड महाराष्ट्र के पुणे निवासी रोशन और मुंबई के बिरजू के नाम का भी खुलासा हुआ. हालांकि, महाराष्ट्र पुलिस से संपर्क करने के बाद जब तक इन आरोपियों की धड़पकड़ के लिए दबिश दी जाती, इससे पहले ही वह दोनों फरार हो गए. अब पुलिस इनकी तलाश में जुटी हुई है. 


महाराष्ट्र के आरोपियों की धड़पकड़ में पुलिस
पूछताछ में लुटेरों ने बताया कि कारोबारी को लूटने की योजना लगभग ढाई महीने पहले बनी थी. सभी लुटेरों की मुलाकात मध्य प्रदेश के उज्जैन में हुई थी. तब से वह कारोबारी की रेकी कर रहे थे. लेकिन उन्हें सफलता 1 अक्टूबर की रात को मिली थी. प्रयागराज जोन आईजी राकेश सिंह ने बताया कि 1 अक्टूबर की रात को कोखराज हाईवे पर कारोबारी को अगवा कर लूट की सूचना मिली थी. सूचना पर पुलिस ने फौरन कार्रवाई शुरू कर दी थी. महज कुछ ही घंटों में कारोबारी और उसके चालक को बरामद कर लिया गया था. कारोबारी की तहरीर पर केस दर्ज कर घटना के खुलासे के लिए 5 टीमें गठित कर दी गई थीं. फास्ट टैग के जरिए पुलिस ने लखनऊ के एक आरोपी को 15 लाख की नगदी समेत गिरफ्तार किया. उसके बाद फिर तीन और आरोपियों को पकड़ा गया. अब मास्टरमाइंड की तलाश जारी है.