Prayagraj News: संगम नगरी प्रयागराज में डेंगू का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां अब तक पांच सौ से ज़्यादा लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी प्रयागराज में डेंगू की बीमारी पर चिंता जताते हुए सरकार व अफसरों को ज़रूरी हिदायत दी है, लेकिन इसके बावजूद सरकारी अमला अब भी कछुए की सुस्त रफ़्तार से ही काम कर रहा है. बीमार मरीजों के इलाज के इंतजाम तो संतोषजनक हैं, लेकिन डेंगू की रोकथाम और बचाव के काम सिर्फ कागजों पर ही चल रहे हैं और हकीकत में कहीं नज़र नहीं आ रहे हैं.
संगम नगरी प्रयागराज में डेंगू की बीमारी अब महामारी का रूप लेती जा रही है. यहां डेंगू पीड़ित मरीजों की संख्या पांच सौ का आंकड़ा पार कर गई है. हालांकि यह आंकड़ा सरकारी है और हकीकत में कई गुना ज़्यादा लोग बीमारी की चपेट में हैं. सरकारी अस्पतालों में पिछले महीने ही अलग डेंगू वार्ड बना लिए गए थे, लेकिन सारे वार्ड फुल होने के बाद अब अलग वार्ड बनाए जा रहे हैं. कई जगहों से तो मरीजों को मायूस होकर वापस लौटना पड़ रहा है. सरकारी अस्पतालों में वैसे तो बीमारों के इलाज के इंतजाम संतोषजनक हैं, लेकिन मरीज और उनके तीमारदार इन व्यवस्थाओं से पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं और इसमें सुधार की गुंजाइश बता रहे हैं.
HC ने सरकार व अफसरों को तेजी लाने के दिए निर्देशइलाज के इंतजाम भले ही संतोषजनक हों, लेकिन नगर निगम से लेकर जिला पंचायत और स्वास्थ्य महकमा बस्तियों में मच्छरों को पैदा होने से रोकने और कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करने में ख़ासा फिसड्डी साबित हो रहा है. ज़्यादातर काम कागजों पर चल रहे हैं और हकीकत में कुछ एक ही नज़र आ रहे हैं. परेशान लोग अस्पतालों में सुविधाओं में बढ़ोत्तरी की मांग कर रहे हैं. वहीं बचाव व रोकथाम के इंतजामों पर सरकारी अमले पर साफ़ तौर पर बरस रहे हैं. ये हाल तब है, जब हाईकोर्ट भी सरकार व अफसरों को तेजी लाने के निर्देश दे चुका है. हाईकोर्ट के दखल के बाद कल डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने खुद बेली हॉस्पिटल के डेंगू वार्ड का निरीक्षण कर मातहतों को ज़रूरी हिदायत दी.
सरकारी इंतजाम हो रहे नाकाफी साबितदरअसल प्रयागराज में इस बार डेंगू पीड़ितों की संख्या इसलिए काफी बढ़ गई है, क्योंकि यहां अक्टूबर के महीने में भी लगातार बारिश हो रही है. गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर बढ़ने से एक बार फिर बाढ़ के हालात पैदा हो रहे हैं. तटीय इलाकों में फिर से बाढ़ का पानी घुसना शुरू हो गया है. बाढ़ व बारिश के चलते जगह -जगह पानी जमा है. कीचड व गंदगी भी डेंगू के मच्छरों को पनपने का मौका दे रही है. सरकारी अमला तमाम बड़े बड़े दावे कर रहा है और साथ ही अभी तक डेंगू से कोई भी मौत न होने के दावे कर खुद अपनी ही पीठ थपथपा रहा है. लेकिन हकीकत यह है कि सरकारी इंतजाम फिलहाल नाकाफी साबित हो रहे हैं.
सरकारी अमले का दावा है कि संदिग्धों की पहचान कर उसके आस पास के लोगों की भी मानीटरिंग की जा रही है, लेकिन ये सारे दावे सिर्फ कागजों पर ही नज़र आ रहे हैं. वैसे इलाज के इंतजाम पिछले सालों के मुकाबले कुछ बेहतर ज़रूर हैं. प्रशासन के अधिकारी लोगों को खुद ही बचाव करने और मच्छरदानी का इस्तेमाल करने की सलाह ज़रूर देकर अपनी जान बचाने में लगे हुए हैं. सरकारी आंकड़ों में भले ही कोई मौत दर्ज न हो, लेकिन अब तक तकरीबन आधा दर्जन लोग इस बीमारी की चपेट में आने से अपनी जान गंवा चुके हैं.
वैसे अगर आप प्रयागराज में रह रहे हैं, तो आप अपना बचाव व डेंगू से रोकथाम खुद ही कर लें तो ज़्यादा बेहतर होगा। सरकारी अमले के भरोसे रहने पर आप न सिर्फ बीमारी की चपेट में आ सकते हैं, बल्कि आपको अस्पताल तक भी पहुंचना पड़ सकता है। अपने घर और आसपास खुद सफाई रखें। पानी जमा न होने दें और मच्छरों को भगाने के इंतजाम करें। अगर बुखार आए या ज़रा भी डेंगू के दूसरे लक्षण दिखें तो फ़ौरन डाक्टर से संपर्क करें.