Kasganj News: देश भर के विभिन्न हिस्सों में लाउडस्पीकर पर अजान और हनुमान चालीसा की खबरों के बीच कल अचानक उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के कासगंज जनपद के पटियाली कस्बे में कुछ शरारती तत्वों ने बहुत तेजी से ये अफवाह फैलाई की पटियाली कस्बे में भी लाउडस्पीकर पर अजान के विरोध के रूप में गोपाल जी मंदिर में भी लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा का पाठ शुरू हो गया है और शीघ्र ही पूरे कासगंज के मंदिरों में लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा पढ़ी जाएगी. इस खबर से जहां जिला प्रशासन के हांथ पाव फूल गए तो वहीं लोगों में भी कौतूहल उत्पन्न होने लगा. 


खबर भ्रामक निकली
आज एबीपी न्यूज की टीम ने जाकर जब इसकी सत्यता की पड़ताल की तो पता चला कि ये भ्रामक खबर थी और पूरे पटियाली में कहीं भी अजान के विरोध के रूप में हनुमान चालीसा का पाठ नहीं किया जा रहा. गोपाल जी मंदिर के प्रबंधक सारांश वार्ष्णेय और पुजारी नीरज कुमार और अन्य भक्तगणों ने कहा कि हमारा अजान से कोई विरोध नहीं है और न ही किसी प्रकार की शिकायत है. 


इसी प्रकार मस्जिद के मौलवी मोहम्मद शैद ने कहा कि हमे मंदिर में होने वाली आरती और हनुमान चालीसा से कभी कोई शिकायत नहीं रही. उन्होंने कहा कि यहां हमेशा से हिन्दू मुसलमान आपसी प्रेम और मिलजुलकर रहते हैं और एक दूसरे की पूजा और धार्मिक आस्था का सम्मान करते हैं.


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किसी को किसी से शिकायत नहीं
कासगंज जनपद की पटियाली तहसील और कस्बा में तहसील मोड़ पर ही गोपाल जी का प्राचीन महाभारत कालीन मंदिर है. इसके ठीक सामने एक मस्जिद है. यहां हमेशा से मस्जिद में लाउडस्पीकर में अजान होती आयी है और मंदिर में भी आरती और हनुमान चालीसा का पाठ भी लाउडस्पीकर पर धीमी आवाज में होता है. दोनों पक्षों को कभी एक दूसरे से किसी भी प्रकार की शिकायत नहीं रही. 


अफवाह से सनसनी फैली थी
देश भर में महाराष्ट्र से शुरू हुए लाउडस्पीकर से अजान पढ़ने को लेकर विवाद के बीच कल किसी शरारती तत्व ने ये अफवाह फैला दी कि कासगंज के पटियाली कस्बे में भी तहसील मोढ़ पर स्थित मस्जिद में लाउडस्पीकर पर अजान के विरोध में उसके सामने स्थित गोपाल जी मंदिर में भी लाउडस्पीकर पर हनुमान चालीसा शुरू हो गयी है. कई न्यूज चैनल और मीडिया प्लेट फॉर्म ने इस भ्रामक खबर को चला भी दिया जिससे पूरे कासगंज जनपद में सनसनी फैल गयी.


गंगा-जमुनी संस्कृति का शहर
इस प्रकार पूरे देश में लाउडस्पीकर विवाद को लेकर जो नफरत के बीज बोए जा रहे हैं उनसे कासगंज जनपद का पटियाली कस्बा अभी महफूज है. ये गंगा जमुनी संस्कृति का शहर है. यहां पटियाली सूफी कवि हजरत अमीर खुसरो की जन्म स्थली है तो सोरों गोस्वामी तुलसी दास की जन्म स्थली है. पटियाली राजा ध्रुपद की तपो स्थली भी रही है.


भक्त ने क्या बताया
गोपाल मंदिर में आने वाले भक्त अनुराग वार्ष्णेय बताते है कि कुछ राजनीतिज्ञ जिनको जनता ने नकार दिया है आने वाले स्थानीय निकाय चुनाव के लिए हिन्दू मुस्लिम के बीच खाई पैदा करके अपनी राजनीतिक फसल उगाना चाहते हैं जिसे पटियाली की जनता ने नाकामयाब कर दिया है. उन्होंने कहा कि लाउडस्पीकर पर अजान और हनुमान चालीसा यहां कोई मुद्दा नहीं रहा. हिन्दू-मुस्लिम एक दूसरे के साथ भाई चारे और शांति से रहते हैं. कुछ लोग हैं जो यहां की शांतिपूर्ण फिजा को बिगाड़ना चाहते हैं, उससे हमें सावधान रहना होगा.


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