Kanwar Yatra 2021: उत्तराखंड में सावन माह शुरू होते ही कांवड़ियों का आगमन भी शुरू हो जाता है. सावन माह के दौरान शिव भक्त कांवड़िये लाखों की संख्या में पैदल हरिद्वार गंगा जल लेने पहुचंते हैं और कंधो पर गंगा जल उठाये अपने गंतव्यों को रवाना होते हैं. मगर वर्तमान में जिस तरीके से कोरोना काल चल रहा है और तीसरी लहर के प्रकोप का अनुमान लगाया जा रहा है उसके दृष्टिगत उत्तराखंड सरकार ने हरिद्वार में आयोजित होने वाली विश्व की सबसे बड़ी कांवड़ यात्रा को रद्द कर दिया है.


कांवड़ यात्रा रद्द होने के बाद हरिद्वार के सीसीआर टावर सभागार में कई राज्यों के पुलिस अधिकारियों के साथ उत्तराखंड के आईजी ला एंड आर्डर ने एक समन्वय बैठक भी की थी. इस समन्वय बैठक में कांवड़ यात्रा से संबंधित कई मुद्दों पर चर्चा की गई और आदेशों का सख्ती से पालन करने पर मंथन भी किया गया. वहीं इस दौरान दूसरे राज्यों से आए पुलिस अधिकारियों ने भी उत्तराखंड पुलिस का कांवड़ यात्रा अवधि के दौरान पूर्ण सहयोग करने का आश्वाशन भी दिया.


बॉर्डर पर मिलेगा गंगा जल


अब हरिद्वार में कांवड़ यात्रियों की एंट्री रोकने के लिए पुलिस ने कमर कस ली है. बॉर्डर पर गंगा जल टैंकर का प्रबंध रहेगा ताकि बॉर्डर पर आने वालों को वहीं गंगा जल मिल सके. भेष बदलकर आने वाले कांवड़ियों को क्वॉरंटीन किया जाएगा और वैधानिक कार्यवाही की जाएगी.


हरिद्वार एसएसपी का कहना है कि कांवड़ मेले को प्रतिबन्धित किये जाने के बाद अब जिला प्रशासन ने इसे लागू करवाने की कवायद शुरू की है. पूरे क्षेत्र को 4 सुपर जोन और 17 सेक्टर में बांटकर सुरक्षा का काम किया जा रहा है. नारसन और भगवानपुर बॉर्डर पर पीएसी की दो कंपनी तैनात  गई है. बाकी फोर्स मिलने पर जल्द तैनात की जाएगी. हर की पौड़ी में एंट्री प्रतिबंधित है और इसकी मॉनिटरिंग की जाएगी.


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