कोरोना महामारी ने लाखों जिंदगियां छीन ली. किसी का अपना चला गया तो किसी का परिवार ही उजड़ गया. कोरोना की दूसरी लहर ने कई बच्चों को अनाथ भी बना दिया. ऐसे बच्चों को अब दो वक्त की रोटी का जुगाड़ करना भी मुश्किल हो रहा है. सिर से माता-पिता का साया छिनने के बाद अनाथ बच्चों के सामने काफी चुनौतियां आ गई हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने ऐसे ही अनाथ बच्चों के लिए 'मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना' की शुरुआत की है. 


लखनऊ के लोकभवन में गुरुवार को इस योजना का शुभारंभ किया गया. इस कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद थीं. सीएम बाल सेवा योजना के तहत 4050 बच्चों को लाभ मिलेगा. इसके तहत बच्चों को हर महीने आर्थिक मदद, मुफ्त शिक्षा, शादी में आर्थिक मदद जैसे कई सुविधाएं मिलेंगी. इस योजना के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं.


हर महीने 4 हजार की आर्थिक मदद
कोरोना काल में अनाथ हुए बच्चों को जीवन यापन करना काफी मुश्किल हो गया है. इसलिए सरकार सीएम बाल सेवा योजना के तहत 0 से 18 तक की उम्र वाले सभी अनाथ बच्चों के भरण-पोषण के लिए हर महीने 4 हजार रुपये की आर्थिक मदद देगी. 


पढ़ाई का खर्चा उठाएगी सरकार
इसके अलावा सरकार 11 वर्ष से 18 वर्ष की उम्र वाले अनाथ बच्चों की पढ़ाई का खर्चा भी उठाएगी. इस योजना के तहत 11 से 18 वर्ष की उम्र वाले बच्चों को कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय और अटल आवासीय विद्यालय से जोड़ा जाएगा.


अनाथ बेटियों के विवाह पर आर्थिक मदद
इसके अलावा सरकार अनाथ बच्चियों को विवाह के समय आर्थिक मदद भी देगी. इस योजना के तहत अनाथ हुई बेटियों की शादी में राज्य सरकार की ओर से 1 लाख 1 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी. 


टैबलेट और लैपटॉप की सुविधा भी मिलेगी
कक्षा 9 या इससे ऊपर की कक्षा में पढ़ाई करने वाले या व्यावसायिक शिक्षा ले रहे 18 वर्ष की उम्र तक के बच्चों को टैबलेट और लैपटॉप की सुविधा दी जाएगी.


ये भी पढ़ें:


यूपी: मायावती का सियासी दांव, आज से ब्राह्मण सम्मेलन का आगाज करेगी बसपा


योगी के मंत्री का बड़ा हमला, 'यूपी नहीं देश छोड़े मुनव्वर राणा, एनकाउंटर में मारे जाएंगे ऐसे लोग'