Kanpur News: किसी को अपनों ने छोड़ा, किसी ने खुद घर छोड़ दिया. कुछ के बच्चों ने किया अपनी मां को बेसहारा तो वृद्धा आश्रम बना उनका सहारा. मां के लिए मनाया जाने वाला मदर्स डे पूरी दुनिया के लिए खास है. लेकिन कुछ माताएं ऐसी भी है, जिनके बच्चों ने बदलते समय के साथ अपनी माताओं को बेसहारा कर दिया और आज वो अपने बच्चों से दूर होकर ओल्ड एज होम में रह रही हैं.


अब अपना परिवार इसी वृद्धा आश्रम को मानकर यहां रहने वाली बुजुर्ग महिलाएं अपने जैसे माताओं के साथ खुश हैं लेकिन आज मदर्स डे के दिन इन्हे अपने बच्चों की याद भी आई और कुछ की आंखे नम हो गई. यहां रह रही महिलाओं ने बताया कि किसी के बेटे ने उन्हें निकाल दिया तो किसी की बहू ने, कोई अपने पति की मौत के बाद बेसहारा हो गई तो कोई अपनी मर्जी से यहां आकर रहने लगीं.


वृद्धा आश्रम में रहती है 60 बुजुर्ग महिलाएं
 कानपुर के पनकी क्षेत्र में बने स्वराज वृद्धा आश्रम में ऐसी करीब 60 बुजुर्ग महिलाएं रहती है. जो मजबूरियों के चलते आज अपनों से दूर है. लेकिन अपनों की याद आज मदर्स डे के दिन ताजा हो गई. जिस उम्र में उन्हें सहारे की जरूरत थी. जिन्हे उनके अपनों ने छोड़ दिया ,दो वक्त की रोटी और सर छुपाने के लिए छत इन्हे इस आश्रम में रहने पर मजबूर कर रहा है. 


कल सभी महिलाएं करेंगी मतदान
मदर्स डे के दिन यहां रहने वाली सभी बुजुर्ग महिलाओं ने कहा की आज वो बेसहारा है. उनके लिए ये आश्रम सहारा बना और वो मेरे शान बहुत खुश है. यहां उन्हें अपनों के न होने का एहसास नहीं होता और सरकार चुनने के लिए वोट करने की भी इच्छा जाहिर की. महिलाए ने बताया कि वोट करने कल जाएगी और बेहतर सरकार चुनेंगी. जो उनके लिए सहारा बने और सभी लोगों से अपील भी कि और कहा कि सभी लोग बढ़ चढ़कर मतदान करें.


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