Uttar Pradesh News: यूपी में कानपुर देहात (Kanpur Dehat) के डेरापुर कस्बे के रहने वाले जब्बार शाह नाम के एक शख्स पर डेरापुर पुलिस (Kanpur Dehat Police) ने वर्ष 1994 में गोकशी के मामले में मुकदमा दर्ज करके जेल भी दिया था, जिसके बाद जब्बार जमानत पर रिहा हुआ और लगभग 25 साल पहले ही अपने परिवार के साथ जिला छोड़कर कहीं और रहने के लिए चला गया. इसके बाद से जब्बार शाह का कोई भी पता पुलिस के पास नहीं रहा और जब वह लंबे समय तक जिले में वापस नहीं लौटा तो कोर्ट ने गोकशी के मुकदमे में गैर जमानती वारंट और कुर्की के आदेश के साथ नोटिस जारी कर दिया. 


निर्देष को पकड़कर भेजा जेल
इसके बाद कानपुर देहात पुलिस कोर्ट के आदेश पर इतनी सक्रिय हो गई कि बिना जांच पड़ताल के उसी गांव और कस्बे में रहने वाले एक बुजुर्ग जब्बार शेख को ही जब्बार शाह मानकर उसके घर पहुंच गई और 1994 से चल रहे मुकदमे में वारंटी के नाम पर पकड़कर जेल भेज दिया. जब्बार बेग का परिवार पुलिस वालों के सामने गुहार लगाता रहा कि ये अपराधी नहीं है और न ही किसी अपराध में शामिल है. उनके घर का सदस्य बेगुनाह है लेकिन कानपुर देहात पुलिस ने उनकी बात नहीं सुनी.


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खाकी एकबार फिर दागदार
मामला तूल पकड़ते ही पुलिस के हाथ-पांव फूल गए और आनन फानन में पुलिस को अपनी गलती का अहसास हुआ. अपनी गलती से खाकी एक बार फिर से दागदार हो गई है. हमने बेगुनाह जब्बार बेग के परिवार से बात करनी चाही लेकिन कानपुर देहात पुलिस की कारगुजारी ने उसे कटघरे में खड़ा कर दिया है. इसके बाद पुलिस पीड़ित परिवार पर दबाव बना रही है और निर्दोष को छुड़ाने का हवाला देते हुए मुंह बंद करने की बात कह रही है जिसके चलते परिवार कैमरे पर कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है 


पुलिस के काम पर उठे सवाल
कोर्ट में पहुंचे पुलिस के इस कारनामे के बाद बेगुनाह जब्बार बेग का एक आधार कार्ड, जमीन की खतौनी और गवाहों के हलफनामे बतौर साक्ष्य इकट्ठा कर लिए जो इस बात की पूरी पुष्टि कर रहे हैं कि पुलिस की कार्यशैली गलत है और अपनी पीठ थपथपाने के चक्कर में एक निर्दोष पिछले तीन दिनों से जेल काट रहा है और अपनी रिहाई का इंतजार कर रहा है.


एडिशनल एसपी ने क्या कहा
वहीं जब हमने कानपुर देहात पुलिस के अधिकारी एडिशनल एसपी घनश्याम चौरसिया से बात की तो उन्होंने इस घटना को स्वीकार किया. उन्होंने कहा की 1994 के एक मामले में डेरापुर पुलिस ने गलती से वारंटी आरोपी जब्बार शाह की जगह जब्बार बेग नाम के बुजुर्ग को जेल भेजा दिया है. इस पूरे मामले में जांच की जाएगी और निर्दोष को जेल से छुड़ाने के लिए कार्यवाही की जाएगी. बड़ा सवाल ये है कि आखिर पुलिस कितनी गैर जिम्मेदार रवैया अख्तियार कर रही है. पुलिस की गलती और  कारगुजारी उजागर हो गई है तो अधिकारी ऐसे दोषी पुलिसकर्मियों पर कब कार्रवाई करेंगे.


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