Corona Vaccine Trial on Child: कोरोना महामारी की तीसरी संभावित लहर बच्चों के लिए काफी ज्यादा घातक बताई गई है. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर से पहले एक अच्छी खबर आई है. परेशान माता पिता के चेहरों पर ये खबर खुशी लाने वाली है. कानपुर शहर में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन का ट्रायल किया गया था. शहर में बच्चों पर कोवैक्सीन के डबल डोज के ट्रायल के 56 दिन बाद हाई एंटीबॉडी पाई गई है. तीसरे सिरम सैंपल की रिपोर्ट पर तेजी से बच्चों में एंटीबॉडी बनने के संकेत मिल गए हैं. जिसके बाद चाइल्ड थीम काफी ज्यादा उत्साहित है. आशा यह भी जताई जा रही है कि, सितंबर महीने के अंत तक आ जाएंगे और उसी के बाद बच्चों को कोवैक्सीन लगाए जाने की आपातकालीन अनुमति मिल सकती है. 


दो महीने पहले ट्रायल किया गया था


भारत बायोटेक की वैक्सीन का कानपुर शहर के प्रखर हॉस्पिटल में दो महीने पहले ट्रायल किया गया था. बड़ों के साथ ही बच्चों पर भी ट्रायल हुआ था. मई और जून महीने में इस ट्रायल को संपन्न किया गया था. जिसमें शुरुआत में 12 से 18 साल फिर 6-12 साल और आखिर में 6 साल से नीचे कुल 55 बच्चों पर डबल डोज का ट्रायल हुआ. 


मिले सकारात्मक परिणाम 


इसके बाद विशेषज्ञों के द्वारा एंटीबॉडी का आकलन करने के लिए पहली और दूसरी डोज़ के बाद 56 दिन 108 दिन और 212 दिलों पर सिरम सैंपल लेकर आईसीएमआर और भारत बायोटेक भेजा जाना था. 56 दिन बीत जाने के बाद 12 से 18 साल के बीच के बच्चों का सैंपल लिया गया, जिसके परिणाम आने पर ट्रायल टीम को बड़ी राहत मिली है. नतीजे में सभी बच्चों में हाई एंटीबॉडी मौजूद मिली है. परिणाम को भारत बायोटेक ने टीम से साझा भी कर दिया है. टीम ने एक बार फिर से सभी वॉलिंटियर्स बच्चों की रिपोर्ट भी आईसीएमआर को भेज दी है. ट्रायल टीम के चीफ गाइड डॉ जेएस कुशवाहा की मानें तो वैक्सीन के रिजल्ट अप्रत्याशित मिले हैं. हाई एंटीबॉडी का बच्चों के शरीर में मिलना साफ करता है कि कोवैक्सीन कोरोना वायरस से लड़ने में काफी प्रभावी है. अब उम्मीद लगाई जा रही है कि अगले महीने सकारात्मक स्थितियां सामने आती हैं तो बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगने का रास्ता खुल सकता है. 


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