Shramjivi Exp Jaunpur Blast News: उत्तर प्रदेश स्थित जौनपुर की अदालत ने 19 साल पुराने विस्फोट मामले में फैसला सुनाया है. श्रमजीवी ट्रेन विस्फोट के दोषियों को फांसी की सजा सुनाई गई है. 22 दिसम्बर 2023 को एडीजे प्रथम ने दोनों को दोषी करार दिया था.  बांग्लादेशी आतंकी नफीकुल विश्वास और हेलालुद्दीन को मौत की सज़ा सुनाई गई.


28 जुलाई 2005 को हरपालगंज स्टेशन के पास ट्रेन में विस्फोट हुआ था. इस आतंकी हमले में 14 लोगों की मौत हुई थी.आतंकी हमले में 62 यात्री घायल हुए थे.  हमले के बाद 4 बांग्लादेशी आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था. नफीकुल विश्वास, हेलालुद्दीन, रोनी और ओबेदुर्रहमान को गिरफ्तार किया गया था.  दो आतंकियों रोनी और ओबेदुर्रहमान को पहले ही सजा सुनाई जा चुकी है.


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दो दोषियों की हो चुकी है मौत
अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार डीजीसी (आपराधिक) सतीश कुमार पांडे ने कहा कि अदालत ने मंगलवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की दलीलें सुनीं और अपना आदेश सुरक्षित रख लिया. उन्होंने कहा, सजा की मात्रा बुधवार को सुनाई जाएगी. उन्हें आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या का प्रयास), 149 (गैरकानूनी सभा के सदस्यों द्वारा किया गया अपराध) और विस्फोटक अधिनियम की धारा 3 और विदेशी अधिनियम की धारा 14 के तहत दोषी ठहराया गया.


28 जुलाई, 2005 को जौनपुर जिले के हरपालगंज क्रॉसिंग के पास दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस की एक बोगी में विस्फोट हुआ था. इस मामले में ट्रेन में बम रखने वाले बांग्लादेशी आतंकवादी रोनी उर्फ ​​आलमगीर को 30 जुलाई को मौत की सजा सुनाई गई थी. साजिशकर्ता ओबैदुर रहमान को 31 अगस्त, 2016 को अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश बुद्धिराम यादव ने मौत की सजा सुनाई थी. उच्च न्यायालय में उसकी अपील लंबित है. मामले की सुनवाई के दौरान दो और आरोपियों गुलाम राजदानी उर्फ याह्या और सईद की मौत हो गई. ये सभी बांग्लादेशी नागरिक हैं जिनका आतंकी संगठन हूजी से संबंध है.