IIT Kanpur: आईआईटी कानपुर चिकित्सा शोध के क्षेत्र में कदम आगे बढ़ा रहा है. 2025 के अंत तक आईआईटी का अपना अस्पताल होगा. आईआईटी कानपुर का गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी चिकित्सा शोध के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है. मरीजों को अस्पताल में विश्वस्तरीय मेडिकल सुविधा मिलेगी. योगी सरकार ने बजट 2024-2025 में गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी के लिए 10 करोड़ का आवंटन किया है. इंडिगो के सह संस्थापक राकेश गंगवाल 100 करोड़ का दान दे चुके हैं.


चिकित्सा शोध के क्षेत्र में आईआईटी कानपुर ने बढ़ाया कदम


2022 में शिलान्यास के समय अस्पताल का नाम गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी रखा गया था. आईआईटी कानपुर के कार्यवाहक निदेशक प्रो एस गणेश ने बताया कि अस्पताल महत्वपूर्ण परियोजना का हिस्सा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि चिकित्सा के क्षेत्र में अस्पताल क्रांतिकारी बदलाव लाएगा. दावा किया जा रहा है कि आईआईटी के अस्पताल में जटिल से जटिल बीमारियों को ठीक किया जा सकेगा. गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी में 500 बेड की व्यवस्था रहेगी.


15 जिलों से मरीज गंभीर रोगों का इलाज करा सकेंगे इलाज


संस्थान में 15 जिलों के मरीज गंभीर बीमारियों का इलाज करा सकते हैं. दिल से जुड़ी बीमारियों और कैंसर का तोड़ निकालने के लिए वैज्ञानिकों का शोध जारी है. गंगवाल स्कूल ऑफ मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी के अंतर्गत आईआईटी कानपुर में 500 बेड का अस्पताल 2025 तक बनकर तैयार हो जाएगा. अस्पताल के प्रोजेक्ट को पूरा करने में 650 करोड़ की लागत आएगी. आईआईटी कानपुर में अब मेडिकल की पढ़ाई के साथ शोध भी हो सकेगा. अभी तक टेक्नोलॉजी की पढ़ाई का प्रतिष्ठित केंद्र आईआईटी कानपुर को माना जाता था. बता दें कि आईआईटी कानपुर ने हृदय रोग संबंधी मरीजों को बड़ी सौगात दी है. विशेषज्ञों ने एक कृत्रिम हृदय तैयार किया है. कृत्रिम हृदय का जानवरों पर परीक्षण किया जाएगा. परीक्षण सफल होने पर कृत्रिम हृदय का प्रत्यारोपण मरीजों में किया जा सकेगा. 


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