Sakshi Maharaj Reaction Over Mahant Narendra Giri Death:  धर्मनगरी हरिद्वार (Haridwar) में आज स्वामी वामदेव (Swami Vamdev) की मूर्ति का अनावरण कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस कार्यक्रम में शिरकत करने पूरे देश से साधु-संत हरिद्वार पहुंचे. उन्नाव से सांसद और संत साक्षी महाराज (Sakshi Maharaj) भी हरिद्वार पहुंचे और स्वामी वामदेव मूर्ति अनावरण कार्यक्रम में शिरकत की. इस दौरान सांसद साक्षी महाराज ने हाल ही में अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि (Mahant Narendra Giri) की आत्महत्या मामले में अपना वक्तव्य रखा. साक्षी महाराज के अनुसार महंत नरेंद्र गिरि ने आत्महत्या (Suicide) नहीं की है उनकी हत्या (Murder) हुई है. साक्षी महाराज ने इस दौरान महंत नरेंद्र गिरि के सुरक्षा कर्मियों पर प्रश्न चिन्ह लगाते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने सीबीआई (CBI) से इस मामले में दूध का दूध और पानी का पानी करने की मांग भी की. 


महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या नहीं की है
स्वामी वामदेव महाराज की मूर्ति के अनावरण कार्यक्रम में शिरकत करने हरिद्वार पहुंचे सांसद और संत साक्षी महाराज ने कहा कि अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष और मेरे परम मित्र महंत नरेंद्र गिरी बहादुर थे और वो कभी आत्महत्या के बारे में सोच नहीं सकते. उन्होंने कहा कि उनके द्वारा सुसाइड नोट पर ही प्रश्न उठाया गया है, सुसाइड नोट फर्जी है. महंत नरेंद्र गिरी ने आत्महत्या नहीं की है, उनकी हत्या हुई है. 


सीबीआई दूध का दूध और पानी का पानी करे
साक्षी महाराज ने कहा कि ''मैं धन्यवाद करना चाहूंगा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री का कि साधु-संतो और हमने इस मामले में सीबीआई जांच की मांग की थी, जिसकी सिफारिश मुख्यमंत्री द्वारा कर दी गई है. सीबीआई इसमें दूध का दूध और पानी का पानी करे ताकि महंत नरेंद्र गिरी के हत्यारे पकड़े जाएं. मैं और कुछ संत सीबीआई डायरेक्टर से मिलकर इस मामले के जल्द खुलासे का आग्रह करेंगे.''


25 करोड़ की संपत्ति बेची थी
साक्षी महाराज का ये भी कहना है कि इस मामले में जो भी हो, ये भी सुनने में आया है कि महंत नरेंद्र गिरि ने कुछ दिन पहले 25 करोड़ की संपत्ति बेची थी. इसमें क्या हुआ है, क्या नहीं हुआ है इस सब का पर्दाफाश सीबीआई की तरफ से किया जाएगा. इस घटना में कई बिंदु जांच के पहलू में आते हैं. साक्षी महाराज ने बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मेरे पास वाइ प्लस सुरक्षा है तो मेरे सुरक्षा कर्मियों का दायित्व बनता है कि मुझे कोई खरोंच ना लगे, ठीक इसी तरह महंत नरेंद्र गिरि के पास भी एक दर्जन से ज्यादा सुरक्षाकर्मी थे उसके बाद भी महंत नरेंद्र गिरि की हत्या हो गई ऐसा क्यों हुआ, इसका उत्तर कौन देगा.



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