Gorakhpur News: यूपी के गोरखपुर के गैंगस्टर कमलेश यादव की अपराध से अर्जित संपत्ति पर प्रशासन का चाबुक चला है. यूपी के बाराबंकी जिले में उसके चार मंजिला मकान और भूमि पर जिलाधिकारी गोरखपुर के आदेश के क्रम में जिलाधिकारी बाराबंकी को प्रेषित रिपोर्ट के आधार पर ये कार्रवाई की गई है. भू-माफिया कमलेश यादव और उसके गैंग के दो अन्य सदस्य पर संगठित गिरोह चलाने का आरोप है. उसके खिलाफ गोरखपुर के अलग-अलग थाने में 34 और झारखंड में एक मामला दर्ज है. गोरखपुर के एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर ने बताया कि जालसाजी द्वारा धोखाधड़ी और गबन का अपराध कारित करने वाले गैंगस्टर एक्ट के अभियुक्त कमलेश यादव की  सम्पत्ति (चार मंजिला मकान व भूमि) को जब्त किया गया है. 


वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जनपद गोरखपुर द्वारा संगठित अपराधों पर अंकुश लगाने एवं गैंगस्टर एक्ट के अपराधियों के विरुद्ध चलाए जा रहे अभियान के तहत धारा 3(1) यूपी गिरोह बन्द व समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 थाना एम्स जनपद गोरखपुर से सम्बन्धित अभियुक्त गैंग लीडर कमलेश यादव पुत्र रामकेवल यादव निवासी बहरामपुर अहिरवाती टोला थाना एम्स जनपद गोरखपुर के द्वारा अपराध से अर्जित जनपद बाराबंकी स्थित अवैध सम्पत्तियों को राजस्व टीम नायब तहसीलदार देवा व पुलिस बल की संयुक्त टीम के द्वारा उत्तर प्रदेश गिरोह बन्द समाज विरोधी क्रिया कलाप निवारण अधिनियम 1986 की धारा 14 (1) के अन्तर्गत जब्तीकरण की कार्रवाई की गई. इसमें चार मंजिला मकान और भूमि है.




गैंग का सरगना है कमलेश यादव
आपको बता दें कि, गोरखपुर के एम्स थानाक्षेत्र के बहरामपुर अहिरवाती टोला के रहने वाले गैंग लीडर कमलेश यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 406, 419, 420, 323, 504, 506, 120 बी के तहत एम्स थाने में 28, खोराबार में 5, चौरीचौरा में एक, झारखंड में एक मुकदमा दर्ज है. गैंग लीडर 52 वर्षीय कमलेश यादव अपने गैंग के सक्रिय सदस्य एम्स थानाक्षेत्र के कुसम्ही के रहने वाले 48 वर्षीय दीनानाथ प्रजापति, पिपराइच के रक्षवापार के 37 वर्षीय मनोज कुमार के विरुद्ध थाना एम्स जनपद गोरखपुर पर मुकदमा पंजीकृत किया गया है.


मुकदमा के दौरान साक्ष्य संकलन में पता चला कि आरोपी कमलेश यादव गैंग का सरगना है. दीनानाथ प्रजापति व मनोज कुमार गैंग के सक्रिय सदस्य हैं. यह गैंग एक संगठित, सक्रिय एवं अभ्यस्त गैंग है. गिरोह के माध्यम से अपने गिरोह के सदस्यों के साथ अनुचित आर्थिक व दुनियाबी लाभ एवं भौतिक सुख के लिए अध्याय 17 व 22 के अन्तर्गत अपराध करने के आदी हैं. इन अपराधों के माध्यम से से आर्थिक अपराध करते हुए धन अर्जित करते हैं.


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