यमुना नदी का जलस्तर लगातार बढ़ने के कारण गौतमबुद्ध नगर जिला प्रशासन अलर्ट मोड पर है. जिलाधिकारी मेधा रूपम के नेतृत्व में राजस्व, सिंचाई, स्वास्थ्य, पूर्ति, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत तमाम विभाग लगातार राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं. प्रशासन ने साफ कर दिया है कि किसी भी सूरत में प्रभावित लोगों को असुरक्षित नहीं छोड़ा जाएगा.

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अब तक जनपद के 18 गांव बाढ़ की चपेट में आए हैं, जिनमें सदर तहसील के 12 और दादरी तहसील के 6 गांव शामिल हैं. लगभग 3700 की आबादी प्रभावित हुई है, जिनमें से 3396 लोगों को सुरक्षित रूप से शरणालयों में पहुंचाया गया है. शरणालयों में भोजन, पानी और चिकित्सा की पूरी व्यवस्था की गई है. यहां सामुदायिक रसोई के माध्यम से तीनों समय भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है.

राहत और बचाव कार्यों की स्थिति

राहत एवं बचाव कार्यों को मजबूती देने के लिए प्रशासन ने विशेष इंतजाम किए हैं.

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  • एनडीआरएफ की टीम जेवर तहसील के मेहंदीपुर में तैनात है.
  • एसडीआरएफ की टीम सेक्टर-135 (सदर तहसील) में सक्रिय है.
  • पीएसी 44 बटालियन नॉलेज पार्क क्षेत्र में मौजूद है.
  • फायर ब्रिगेड और एसडीआरएफ की संयुक्त टीम दादरी तहसील के सेक्टर-128 में तैनात है.

कुल मिलाकर 5 टीमें और 14 नावें लगातार रेस्क्यू ऑपरेशन चला रही हैं. इनके साथ आपदा मित्र और होमगार्ड भी सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.

स्वास्थ्य और पशु सुरक्षा व्यवस्था

स्वास्थ्य विभाग की 6 मेडिकल रेस्पॉन्स टीमें शरणालयों में रह रहे लोगों को एंटी-स्नेक वेनम समेत सभी आवश्यक दवाएँ उपलब्ध करा रही हैं. वहीं पशुपालकों के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं. सेक्टर-135 ग्रीन बेल्ट पुश्ता रोड पर बनाए गए पशु शिविर में लगभग 1471 गौवंश को सुरक्षित रखा गया है.

राहत सामग्री और कंट्रोल रूम

अब तक दादरी क्षेत्र में 182 और सदर क्षेत्र में 410 राहत किट वितरित की जा चुकी हैं. इसके अलावा, प्रशासन ने बाढ़ प्रभावित लोगों के लिए 24×7 सक्रिय कंट्रोल रूम स्थापित किया है. इसके नंबर – 0120-2978231, 2978232 और 2978233 हैं, जिन पर किसी भी आपात स्थिति में तुरंत संपर्क किया जा सकता है.

जिलाधिकारी की अपील

डीएम मेधा रूपम ने जनता से अपील की है कि नदी और नालों के किनारे न जाएं, अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करें. विस्थापित लोग शरणालयों में ही रहें और पशुपालक अपने मवेशियों को प्रशासन द्वारा बनाए गए शिविरों में भेजें.