उत्तर प्रदेश के ज्यादातर जिले इस समय बाढ़ की चपेट में हैं. मेरठ का हस्तिनापुर इलाका भी इन दिनों बाढ़ की मार क्जेल रहा है. लेकिन यहां गुरूवार को उस समय अजीब स्थिति बन गयी जब प्रदेश सरकार में मंत्री दिनेश खटीक लोगों के लिए राहत सामग्री लेकर पहुंचे. लोगों ने राहत सामग्री लेने से इनकार कर दिया और स्थाई समाधान की मांग की. इस दौरान डीएम डॉ वी.के. सिंह और एसएसपी डॉ विपिन ताड़ा भी मौजूद थे.

ग्रामीणों का कहना था कि उन्हें राशन या अस्थायी मदद नहीं, बल्कि बाढ़ से मुक्ति और सुरक्षित जमीन चाहिए. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

क्या था पूरा मामला ?

बता दें कि हस्तिनापुर के खादर क्षेत्र  विशेष रूप से बस्तोरा नारंग और मखदुमपुर गांव, पिछले दो महीनों से गंगा नदी के कटान और बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित हैं. ग्रामीणों ने राहत सामग्री लौटाते हुए नारेबाजी की और स्थायी समाधान की मांग की. स्थिति तनावपूर्ण होने पर प्रशासन को राहत वितरण कार्यक्रम बीच में ही रोकना पड़ा. ग्रामीणों ने कहा कि हर साल बाढ़ उनके घरों और खेतों को नुकसान पहुंचाती है, और अस्थायी राहत उनकी समस्याओं का हल नहीं है.

प्रशासन का जवाब और आश्वासन

जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह ने बताया कि गंगा नदी की धारा वर्तमान में गांवों से 200 मीटर दूर है और किसी मकान में पानी नहीं घुसा है. उन्होंने दावा किया कि विरोध में कुछ असामाजिक तत्व शामिल थे, जिनकी पहचान कर कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने आश्वासन दिया कि जरूरत पड़ने पर प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जमीन उपलब्ध कराई जाएगी. मखदुमपुर में कुछ घर खेतों की निचली जमीन पर बने हैं, जहां हर साल बाढ़ का पानी भर जाता है. प्रशासन इसकी जांच कर रहा है और जरूरतमंदों को हरसंभव मदद दी जाएगी.

मंत्री की प्रतिक्रिया

इस दौरान जल शक्ति राज्य मंत्री दिनेश खटीक ने ग्रामीणों को भरोसा दिलाया कि गंगा किनारे पक्का तटबंध बनाने का प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा, ताकि भविष्य में बाढ़ की समस्या से निजात मिल सके. उन्होंने बाढ़ पीड़ितों को हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया.

मखदुमपुर में गंभीर हालात

मखदुमपुर और आसपास के गांवों में गंगा कटान के कारण कई परिवारों को घर छोड़कर पलायन करना पड़ा है. खेत जलमग्न हैं, और कई घरों में बाढ़ का पानी घुस चुका है. ग्रामीणों ने पशुओं के लिए चारे और स्थायी पुनर्वास की मांग की है.