उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने नौकरी और ठेका दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी और जालसाजी करने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. ये तीनों खुद को फर्जी आईएएस बताकर लोगों को विश्वास में लेते थे. इसके बाद उन्हें एआई के माध्यम से फर्जी दस्तावेज तैयार कर उनके साथ धोखाधड़ी करते थे. पुलिस की जांच में अब तक 40 से अधिक लोगों से दो करोड़ रुपए से अधिक की ठगी का अनुमान है.
पुलिस को शक है कि पिछले दिनों रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 2 से एक युवक के पास बरामद 99.99 लाख रुपए भी इसी जालसाजी से जुड़े हैं. इनका नेटवर्क यूपी, बिहार, झारखंड और मध्यम प्रदेश तक फैला हुआ है.
दो बिहार और एक गोरखपुर का है आरोपी
गुलरिहा पुलिस और क्राइम ब्रांच ने जिन तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है, उनकी पहचान बिहार के सीतामढ़ी के थाना सीतामढ़ी ग्राम मेहसौल के रहने वाले मुख्य आरोपी ललित किशोर उर्फ गौरव सिंह पुत्र चलितर राम जो गोरखपुर के गुलरिहा में फर्जी आईएएस गौरव सिंह के नाम से रहता था. दूसरा आरोपी सीतामढ़ी के रीगा के रामनगरा गांव के अभिषेक कुमार पुत्र राकेश कुमार और तीसरा आरोपी गोरखपुर के गोरखनाथ थानाक्षेत्र के लच्छीपुर के रहने वाले परमानंद गुप्ता पु्त्र रामनयन गुप्ता के रूप में हुई है.
फर्जी प्रोटोकॉल का लेते हैं सहारा
पुलिस की पूछताछ में सामने आया है कि फर्जी प्रोटोकॉल दिखाने के लिए ललित किशोर 8 प्राइवेट गनर और सफेद रंग की कार पर भारत का झंडा लगाकर चलता रहा है. बिहार के एक कारोबारी को उसने 450 करोड़ का सरकारी ठेका दिलाने का वादा किया और उससे 5 करोड़ रुपए और 2 इनोवा कार ली, लेकिन ठेका नहीं दिलाया. ये कारोबारी भी गोरखपुर पुलिस के संपर्क में है. ललित किशोर अपना नाम आईएएस गौरव कुमार भी बताता था. पुलिस इस मामले के सारे तार जोड़ने के लिए बिहार, झारखंड और मध्य प्रदेश पुलिस के साथ अब तक सामने आया डेटा शेयर कर रही है.
गोरखपुर पुलिस की मानें तो एआई से बने कॉन्ट्रैक्ट पेपर के साथ बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान 7 नवंबर को सुबह करीब 7 बजकर 10 मिनट पर प्लेटफॉर्म नंबर एक पर जीआरपी को वैशाली एक्सप्रेस की चेकिंग के दौरान एक युवक संदिग्ध हालत में दिखा. शक के आधार पर जब उसके बैग की तलाशी ली गई, तो उसमें 500-500 के नोटों की गड्डियां मिलीं. पूछताछ में युवक ने खुद को मुकुंद माधव (35) निवासी रामचरण टोला, मोकामा (पटना) बताया. उसने कहा कि वह किसी परिचित के कहने पर यह बैग लेकर यात्रा कर रहा था, लेकिन उसे पैसे के स्रोत की जानकारी नहीं है.
जांच में खुलासा हुआ कि यह रकम व्यापारी ने एक आईएएस अधिकारी को नौकरी दिलाने के लिए बतौर रिश्वत दी. पूछताछ के बाद पुलिस ने उसे छोड़ दिया था. इसके बाद विभाग ने जांच शुरु की. पूरी रकम जब्त कर जब इस मामले की जांच की गई. तब फर्जी आईएएस ललित किशोर उर्फ गौरव सिंह का नाम सामने आया. ललित ही पैसे बिहार भिजवा रहा था. इसके बाद से ही ललित की तलाश चल रही थी. फर्जी आईएएस ने लखनऊ में अपना ठिकाना बनाया. दूसरी तरफ, गोरखपुर के कुसम्ही के एक युवक ने भी सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर ठगे जाने की शिकायत की थी.
लखनऊ में बना लिया था दूसरा ठिकाना
जब ट्रेन में व्यापारी कैश के साथ कैश पकड़ा गया था, तो फर्जी आईएएस ललित किशोर पुलिस के हाथ लगने से पहले ही भाग गया. लखनऊ के आशियाना में उसने अपना नया ठिकाना बनाया. पुलिस टीम उसकी तलाश में लखनऊ पहुंची, लेकिन वह वहां से भी निकल भागा. मंगलवार रात फर्जी आईएएस अधिकारी ललित किशोर अपने एक साथी से मिलने गोरखपुर आया. इनपुट मिलने के बाद पुलिस ने घेराबंदी करके उसे पकड़ा. पुलिस का कहना है कि आरोपी के खिलाफ बिहार, यूपी और मध्य प्रदेश में जालसाजी के कई मामले दर्ज हुए हैं. इनके पास 4,15500 रुपया , आभूषण, चेक बुक, पासबुक, पासपोर्ट, एटीएम कार्ड, लैपटाप, कूटरचित व अवैध दस्तावेज बरामद किया गया है.
पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे लोग अपने साथ किराए का वाहन और लोगों को लेकर साथ चलते रहे हैं, जिससे सभी को भरोसा हो कि हम लोग बहुत बड़े अधिकारी है. आरोपी अभिषेक कुमार व परमानन्द गुप्ता अवैध पेपर कतरन AI के माध्यम से व अन्य फर्जी दस्तावेज तैयार कर ललित किशोर को भेजते थे, जो कि उक्त दस्तावेजों को वादी मुकदमा को भेजता था. जिससे उनको विश्वास हो गया कि उनको टेण्डर मिल चुका है जिसके एवज में वादी से ज्वैलरी व अन्य गिफ्ट लेते थे.
कैश और ज्वैलरी बरामद
एसपी सिटी अभिनव त्यागी ने बताया कि गोरखपुर की गुलरिहा थाना, क्राइम ब्रांच और सर्विलांस टीम को बड़ी सफलता मिली है. तीन आरोपियों ललित किशोर, अभिषेक कुमार और परमानंद गुप्ता को गिरफ्तार किया गया है. ये लोग एक गैंग बनाकर खुद को फर्जी आईएएस बताकर लोगों से पैसे की धोखाधड़ी किया करते थे. अभी तक उनके पास से रिकवरी में 4.5 लाख रुपए कैश, 60 लाख रुपए कीमत के आभूषण, पासबुक, पासपोर्ट, एटीएम कार्ड, लैपटॉप, कूटरचित व अवैध दस्तावेज की बरामदगी की गई है. इन सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.