बहराइच के चर्चित रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इस हिंसा के मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद सहित 10 लोग दोषी करार हुए हैं. रामगोपाल मिश्रा हत्याकांड में दोषी 9 लोगों को अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और मुख्य आरोपी सरफराज को फांसी की सजा सुनाई है. कोर्ट ने सभी आरोपियों पर एक लाख का जुर्माना लगाया है, प्रथम अपर जिला जज की अदालत ने यह फैसला सुनाया है.

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बहराइच कोर्ट ने मंगलवार को जिन 10 लोगों को दोषी ठहराया था उनमें अब्दुल हमीद और उसके तीन बेटे सहित छह अन्य लोग शामिल थे. दोषियों में अब्दुल हमीद, उसके बेटे फहीम, सरफराज, तालिब, सैफ, जावेद खान, जिशान, ननकऊ, शोएब, मारुफ अली, खुर्शीद, अफजल और शकील शामिल हैं. इस मामले में तीन आरोपियों शकील अहमद, बबलू अफजल उर्फ कल्लू और खुर्शीद को कोर्ट ने दोषमुक्त कर दिया था.

बता दें कि पिछले साल दुर्गा प्रतिमा विसर्जन के दौरान 13 अक्टूबर को रामगोपाल मिश्रा की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस घटना के बाद 13 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था. पुलिस ने इस मामले की जांच के बाद 11 जनवरी 2025 को अपर सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में सभी आरोपियों के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था. इस मामले से जुड़े 12 गवाहों ने कोर्ट में गवाही दी थी. 21 नवंबर को जज ने फैसला सुरक्षित रखा और बीते मंगलवार  दिसंबर को 10 आरोपियों को दोषी ठहराया और तीन को दोषमुक्त करने का फैसला सुनाया था.

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फैसला आने से पहले मृतक रामगोपाल के बड़े भाई ने कहा था कि मुझे पता चला कि मेरा छोटा भाई घायल हो गया है, जब मैं मौके पर पहुंचा, तो मुझ पर हमला किया गया. उन्होंने मुझे लाठियों, रॉड और धारदार हथियारों से मारा. मेरे सिर और हाथ पर चोट लगी, और मेरी आंख पर भी असर हुआ. उन्होंने मेरे सामने ही मेरी गाड़ी में आग लगा दी. आज तक मुझे कोई आर्थिक मदद नहीं मिली है और न ही कोई मेरा हालचाल पूछने आया है. असली गुनहगार अभी भी आजाद हैं, उन्हें रिहा कर दिया गया है.”

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