उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी आधुनिक तकनीक के दुरुपयोग को लेकर गंभीर आरोप लगाए हैं. हरीश रावत ने कहा कि उन्हें जानबूझकर एक सुनियोजित साजिश के तहत टारगेट किया जा रहा है और एआई के माध्यम से बनाए गए फर्जी वीडियो के जरिए उनकी छवि खराब करने की कोशिश की जा रही है. इसी मामले को लेकर मंगलवार को वह देहरादून स्थित नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचे और सीओ अनुज तथा थाना प्रभारी संजीत कुमार से मुलाकात कर औपचारिक शिकायत दर्ज कराई.
हरीश रावत ने आरोप लगाया कि कथित एआई वीडियो में उन्हें पाकिस्तानी जासूस के रूप में दर्शाया गया है, जो न केवल पूरी तरह झूठा और भ्रामक है, बल्कि एक आपराधिक कृत्य भी है. उन्होंने कहा कि यह मामला सिर्फ उनकी व्यक्तिगत छवि खराब करने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह लोकतंत्र, सामाजिक सौहार्द और कानून-व्यवस्था के लिए भी गंभीर चुनौती है. हरीश रावत ने मांग की कि इस मामले की निष्पक्ष और गहन जांच की जाए तथा दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई हो.
आम नागरिकों को बढ़ जाएगा खतरा
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि तकनीक का इस तरह से गलत इस्तेमाल बेहद खतरनाक है. यदि आज किसी राजनीतिक नेता को निशाना बनाया जा रहा है, तो कल आम नागरिक भी इसका शिकार हो सकता है. उन्होंने आशंका जताई कि आगामी चुनावों को देखते हुए इस तरह के फर्जी वीडियो और दुष्प्रचार का इस्तेमाल कर जनता को गुमराह करने की कोशिश की जा रही है.
हरीश रावत के साथ बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी नेहरू कॉलोनी थाने पहुंचे. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि यह पूरी साजिश भाजपा से जुड़ी है. कार्यकर्ताओं का कहना था कि चुनावी माहौल में कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के लिए इस तरह के हथकंडे अपनाए जा रहे हैं.
बड़े आंदोलन की चेतावनी
महिला कांग्रेस की प्रदेश अध्यक्ष ज्योति रौतेला ने कहा कि यह कांग्रेस और हरीश रावत की छवि खराब कर वोटों का ध्रुवीकरण करने की बीजेपी की नाकाम कोशिश है. उन्होंने इसे झूठ, फरेब और कुकृत्य का उदाहरण बताते हुए कहा कि ऐसे मामलों को सामने लाना और जनता को सच से अवगत कराना बेहद जरूरी है. ज्योति रौतेला ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में सख्त कार्रवाई नहीं हुई, तो कांग्रेस पार्टी इसे लेकर बड़ा आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेगी.
फिलहाल पुलिस ने शिकायत दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि एआई के दुरुपयोग से जुड़े इस गंभीर मामले में जांच एजेंसियां क्या कार्रवाई करती हैं और दोषियों तक कब पहुंचती हैं.