उत्तर प्रदेश के आगरा जनपद से पुलिस द्वारा थर्ड डिग्री दिए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है, आरोप है कि जुर्म कबूल करवाने के लिए पुलिस ने आरोपी को थर्ड डिग्री टॉर्चर किया. इसके अलावा पुलिस पर पीड़ित के पिता को 10 हजार रुपये देकर मामले में समझौते के दबाव बनाने का भी आरोप लगा है. आगरा की इस घटना ने एक बार फिर पुलिस की कार्य प्रणाली पर प्रश्न चिन्ह खड़े कर दिए हैं.
जानकारी के मुताबिक, जिले के किरावली क्षेत्र के ककहरा गांव निवासी राजू ने थर्ड डिग्री की यातनाओं का दर्द बयां किया है. पीड़ित का आरोप है कि पूछताछ के दौरान करीब एक घंटे तक लगातार यातनाएं दी गई. पुलिस पिटाई के बाद दोनों पैरों में फ्रैक्चर हुआ. जिसके बाद उसे इलाज हेतु अस्पताल में भर्ती कराया गया है.
पीड़ित ने बयां किया अपना दर्द
किरावली क्षेत्र के ककहरा गांव निवासी राजू ने थर्ड डिग्री की यातनाओं का दर्द बयां किया है. पीड़ित का आरोप है कि पूछताछ के दौरान करीब एक घंटे तक लगातार यातनाएं दी गईं. जिसके बाद दोनों पैरों में हुआ फ्रैक्चर हो गया. साथ ही दोनों पैरों में गंभीर सूजन आने के बावजूद पुलिस का दिल नहीं पसीजा.
आरोपी पुलिसकर्मियों पर गिरी कार्रवाई की गाज
वहीं इस मामले पर संज्ञान लेते हुए वरिष्ठ अधिकारियों ने थाना प्रभारी, SI धर्मवीर सिंह, कांस्टेबल रवि मलिक को सस्पेंड कर दिया है. वहीं घटना के बाद ACP को भी हटाया गया, साथ ही सभी के खिलाफ विभागीय जांच शुरू कर दी गई है. वहीं आगरा के समाजसेवी नरेश पारस ने मामले की राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में शिकायत की है.
पैसे देकर मामले को दबाने की कोशिश का आरोप
परिजनों ने यह भी आरोप लगाया है कि बाद में मामले को दबाने का प्रयास किया गया है और हल्की चोट बताने का दबाव डाला गया और कहा गया, 'बाहर जाकर सबको उंगली में चोट बताना.' इसके अलावा आरोप है कि पीड़ित के पिता को 10 हजार रुपये देकर समझौते की कोशिश की गई.
पीड़ित ने SI धर्मवीर सिंह और कांस्टेबल रवि मलिक पर थर्ड डिग्री प्रताड़ना देने का आरोप लगाया है. पीड़ित ने यह भी बताया है कि थाना प्रभारी की मौजूदगी में यातनाएं दी गईं. फिलहाल कथित तौर पुलिस पिटाई से घायल हुए राजू को आगरा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उसका इलाज जारी है.