Deepfake Video:उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के विधायक राजेश्वर सिंह ने 'डीपफेक' और जाली वीडियो के खिलाफ अपना मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने डीपफेक वीडियो पर लगाम लगाने के लिए एक शक्तिशाली कानून और कड़े नियमों की मांग की है. उनका कहना है कि ऐसी चीजों में देश के भीतर सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक अशांति पैदा करने की क्षमता है. 


प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के पूर्व अधिकारी और वर्तमान में विधायक राजेश्वर सिंह ने हाल ही में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को पत्र लिखकर आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस (एआई) टूल और स्मार्ट सॉफ्टवेयर के गलत उपयोग से मौलिक अधिकारों के लिए खतरे सहित विभिन्न जोखिमों के बारे में अवगत कराया.


'डीपफेक' के खिलाफ कड़े कानून बनाने की मांग


केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल को लिखे गए पत्र में उन्होंने 'डीपफेक' और जाली वीडियो को महिलाओं की गरिमा, राजनीतिक और आर्थिक स्थिरता, प्रेस की स्वतंत्रता और बड़े पैमाने पर समाज के लिए खतरा करार दिया है. इसके साथ ही उन्होंने इस पर कड़े कदम उठाए जाने के साथ ही इसे लेकर कड़े कानून बनाने जाने की मांग की है.


आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस को बताया खतरनाक


राजेश्वर सिंह ने अपने पत्र में कहा कि 'मैं वर्तमान समय में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से जाली वीडियो बनाकर व्यक्तियों की प्रतिष्ठा को खराब करने के उद्देश्य जैसे अपराधों पर लगाम लगाने के लिए विधायी ढांचे को फिर से तैयार करने की आकस्मिक जरूरत को ध्यान में रखते हुए यह पत्र लिख रहा हूं. इस तरह के जाली वीडियो लोगों के उन मौलिक सिद्धांतों का उल्लंघन हैं, जो भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार की गारंटी प्रदान करते हैं.' उन्होंने आगे लिखा कि 'इसका राष्ट्र के लोकतांत्रिक और सामाजिक ताने-बाने को बिगाड़ने को लेकर गहरा प्रभाव हो सकता है.'


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