प्रयागराज: रामलला के मंदिर निर्माण के भूमि पूजन समारोह में न्यौता न मिलने से खफा होकर अपना विरोध जताने वाले देश के इकलौते दलित महामंडलेश्वर स्वामी कन्हैया प्रभु नंदन गिरि को अभी तक कोई आमंत्रण नहीं मिला है, लेकिन इसके बावजूद वो आजमगढ़ के अपने आश्रम से राम की नगरी आ पहुंचे हैं. उनका मानना है कि अगर उन्हें अब भी भूमि पूजन में नहीं बुलाया जाता तो भी इस खास मौके पर राम की नगरी अयोध्या में रहकर खुद को धन्य समझ लेंगे.


हालांकि, उन्होंने दोहराया है कि महामंडलेश्वर होने के बावजूद उन्हें अब भी उनकी जाति की वजह से उपेक्षित किया जाता है. उनका कहना है कि राम उनके अस्तित्व में हैं, इसलिए वो उनके मंदिर निर्माण की शुरुआत के मौके पर खुद को अयोध्या आने से नहीं रोक सके. कन्हैया प्रभु नंदन गिरि के मुताबिक उन्होंने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए उनके खिलाफ क्यों कार्रवाई की जाएगी.


दरअसल, राम मंदिर के भूमि पूजन कार्यक्रम में नहीं बुलाए जाने पर स्वामी कन्हैया प्रभुनंदन गिरि ने नाराजगी जताते हुए इसे दलितों की उपेक्षा करार दिया था. उन्होंने कहा था कि पहले मंदिर निर्माण के लिए गठित ट्रस्ट में किसी दलित को जगह नहीं दी गई और उसके बाद अब भूमि पूजन समारोह में भी इस समुदाय की उपेक्षा की जा रही है. उन्होंने कहा था कि भगवान राम ने हमेशा पिछड़ों और उपेक्षितों की मदद कर उनका उद्धार किया, लेकिन राम के नाम पर सत्ता में बैठे लोग दलित समुदाय के साथ भेदभाव कर रहे हैं. उनके इस बयान को लेकर सियासत भी तेज हो गई थी.


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