Shamli Religious Conversion Case: शामली के मादलपुर गांव में परिवार ने धर्म परिवर्तन करवाने का आरोप लगाया है. फ्री फायर गेम खेलते हुए   युवक मुस्लिम युवती के संपर्क में आया था. आरोप है कि ब्रेनवाश कर धर्म परिवर्तन करवा दिया गया. युवक घर पर युवती और मौलाना से नमाज पढ़ना सीख रहा था. जानकारी होने पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. हिंदूवादी नेता स्वामी यशवीर महाराज की सूचना पर पहुंची पुलिस ने युवती और मौलाना को हिरासत में ले लिया.  सूरज रे का परिवार ईंट भट्टों पर मजदूरी करता है. फ्री फायर गेम खेलते सूरज दिल्ली निवासी माही नाम की युवती के संपर्क में आया. सूरज ने खुद को क्रिश्चियन बताया. माही ने भी क्रिश्चियन बताकर बातचीत का सिलसिला शुरू कर दिया.


 युवक का धर्म परिवर्तन!


कुछ दिनों बाद सूरज को पता चला कि युवती का नाम माही नहीं बल्कि कमर बेतून है. खुद को मूल रूप से दिल्ली का निवासी बतानेवाली माही उर्फ कमर बेतून बिजनौर की रहनेवाली है और इस्लाम धर्म को मानती है. कमर बेतून ने रिश्तेदार शौकीन से सूरज के परिवार को मिलवाया. शौकीन का परिचय मौलाना के तौर पर कराया गया. आरोप है कि सूरज को धर्म परिवर्तन कर इस्लाम में आने के लिए प्रेरित किया गया. सूरज का नाम बदलकर असद भी रख दिया गया.


असद और कमर बेतून के निकाह की तैयारी की जा रही थी. युवती और मौलाना का मंसूबा सूरज के पूरे परिवार को इस्लाम धर्म में लाना था. कई दिनों से सूरज के घर पर चल रही गतिविधियों को ग्रामीण भी नोट कर रहे थे. बीती रात सूरज के परिजनों को नमाज पढ़ना सिखाए जाने की सूचना पर ग्रामीणों ने हंगामा कर दिया. हंगामा बढ़ता देख हिंदूवादी नेता स्वामी यशवीर महाराज मौके पर पहुंचे. उन्होंने पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची पुलिस शौकीन और कमर बेतून उर्फ माही को थाने ले गई.


युवती समेत हिरासत में मौलाना


पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है. हिंदूवादी नेता स्वामी यशवीर महाराज ने आरोप लगाया है धर्म परिवर्तन करानेवालों का नेटवर्क बहुत बड़ा है. उन्होंने मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए गंभीरता से जांच करने की मांग की. उन्होंने कहा कि मौलाना और मुस्लिम युवती पर रासुका लगनी चाहिए. उनके खातों की भी जांच होनी चाहिए ताकि विदेश से फंडिंग का स्रोत पता चले. सूरज उर्फ असद की मां चंदो देवी ने बताया कि परिवार काफी समय से चर्च में जा रहा है और ईसाई धर्म का पालन करता है.  


उनके बेटे की फ्री फायर गेम खेलने के दौरान लड़की से दोस्ती हुई. लड़की ने परिवार से मिलने की इच्छा जताई. बातचीत में लड़की ने खुद को बीमार होना भी बताया. परिवार लड़की को लेकर चंडीगढ़ चर्च पहुंच गया. चंडीगढ़ में एक अन्य युवक ने इस्लाम के बारे में प्रेरित किया. उसने बताया कि इस्लाम धर्म मानने के बाद कष्टों से परिवार को मुक्ति मिल जाएगी. एसपी अभिषेक कुमार झा ने बताया कि थानाभवन क्षेत्र के गांव मादलपुर में एक सूरज नाम का युवक है. उसका कहना है कि परिवार लगभग 10-12 वर्ष पहले मुजफ्फरनगर से आकर बस गया था.


उसके पिता को खून की उल्टियां होती थी. परिवार भूत प्रेत का साया मानता है. किसी ने परिवार को चंड़ीगढ़ के ट्रस्ट जाने की सलाह दी. चंडीगढ़ जाने के बाद  परिवार इसाई धर्म का अनुयायी हो गया. परिवार के बेटे की मुलाकात फ्री फायर गेम खेलते लड़की से हुई. उसने अपना नाम माही बताया. सूरज ने धर्म परिवर्तन के बाद खुद को क्रिश्चियन बताया. लड़की ने भी क्रिश्चित बताया. उसने भी अपने साथ खून की उल्टी की समस्या बताई. उसने इलाज के लिए युवती को चंडीगढ़ ले जाने की बात कही.


दोस्ती होने के बाद सूरज ने माही की पहचान चेक की. पहचान में माही के कमर बेतून होने का खुलासा हुआ. उसने पूछा कि कमर बेतून क्रिश्चियन नाम नहीं बल्कि मुस्लिम होता है. लड़की ने जवाब दिया कि मां क्रिश्चियन थी. इसलिए मैं भी ईसाई धर्म का पालन करती हूं. माही उर्फ कमर बेतून की बात सच नहीं निकली. लड़की इस्लाम धर्म को माननेवाली और बिजनौर की रहने वाली है. खुलासा हुआ है कि दोनों परिवार के बीच लंबे समय से धर्म परिवर्तन की वार्ता चल रही थी.


माही उर्फ कमर बेतून और सूरज उर्फ असद की शादी की तैयारी थी. माही नाम की लड़की ने शौकीन को रिश्ते में मामा बताया था. दिल्ली में एक अन्य व्यक्ति से भी सूरज की मुलाकात करवाई गई. सूरज को बताया गया कि पैगंबर ईसा भगवान नहीं बल्कि अल्लाह के बंदे हैं. इसलिए आप को अल्लाह की इबादत करनी चाहिए. सूरज का असद नाम रखकर आधार कार्ड और पासपोर्ट बनवाने की तैयारी थी. पुलिस ने संबंधित धाराओं में मामला दर्ज कर शौकीन और कमर बेतून को हिरासत में लिया है. 


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