प्रयागराज: इलाहाबाद हाई कोर्ट ने गोरखपुर जिले के डीएम विजयेन्द्र पांडियन और बीएसए को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कहा है कि यदि वह एक महीने में आदेश का पालन कर हलफनामा नहीं देते हैं, तो कोर्ट इन्हें तलब कर अवमानना आरोप निर्मित करेगी.


कोर्ट ने आगे कहा कि प्रथम दृष्टया अवमानना का केस बनता है. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हलफनामा नहीं दिया गया तो स्वयं हाजिर हो. यह आदेश न्यायमूर्ति वी के बिडला ने अनुदेशक प्रभु शंकर व 6 अन्य की अवमानना याचिका पर दिया है.


इससे पहले कोर्ट ने जिलाधिकारी व बीएसए को याचियों को अंशकालिक अनुदेशक पद का कार्य करने देने और मानदेय का भुगतान करने का निर्देश दिया था. जिसकी अवहेलना करने पर यह याचिका दायर की गई है.


याचियों का कहना है कि अंशकालिक अनुदेशक पद पर 8 साल कार्य करने के बाद यह कहते हुए नवीनीकरण करने से इन्कार कर दिया गया कि स्कूल में 100 से कम बच्चे होने के कारण उनकी जरूरत नहीं है. याचियों की नियुक्ति कंप्यूटर, कला व शारीरिक शिक्षा कार्य के लिए की गयी थी.


कोर्ट ने कहा कि ऐसा कोई नियम नहीं है कि 100 बच्चें होने पर ही अनुदेशक रखे जाएंगे. इसलिए इनका नवीनीकरण किया जाए. कोर्ट ने निर्धारित मानदेय से कम भुगतान करने को चपरासी के न्यूनतम वेतन से कम भुगतान को शोषण माना था और सरकार से जवाब मांगा था. याचिका अभी लंबित है. अंतरिम आदेश का पालन न करने पर अवमानना केस दायर किया गया है. इसकी सुनवाई एक माह बाद होगी.


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