UP News: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने ‘रामचरितमानस’ (Ramcharitmanas) पर उपजे विवाद को लेकर विधानसभा में समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) पर तीखे तंज किए. उन्होंने उस चौपाई का भी मतलब समझाया जिसपर विवाद उठ रहा है. जिसकी कांग्रेस (Congress) नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम (Acharya Pramod Krishnam) ने तारीफ की है. 


आचार्य प्रमोद ने ट्वीट कर लिखा, "राजनैतिक विरोध अपनी जगह हैं लेकिन सत्ता के लिये श्रद्धा से समझौता नहीं किया जा सकता. उत्तर प्रदेश की विधान सभा में आज रामचरितमानस का पक्ष रखने और रामायण का अपमान करने वाले नेताओं की ठुकाई करने के लिये मैं CM योगी आदित्यनाथ की सराहना करता हूं."


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क्या बोले थे सीएम योगी?
सीएम योगी ने कहा, ‘‘समाजवादी पार्टी का कार्यालय आज संत तुलसीदास जी के खिलाफ अभियान चला रहा है. वह ‘रामचरितमानस’ जैसे पावन ग्रंथ को अनादर भाव के साथ जगह-जगह अपमानित करने का प्रयास कर रहा है.’’ उन्होंने कहा कि ‘रामचरितमानस’ के सुंदरकांड में एक प्रसंग आता है जिसमें श्रीराम समुद्र से लंका में जाने का रास्ता मांगते है. रास्ता नहीं मिलने पर वह ‘भय बिन होई न प्रीत’ की बात कहते हैं और समुद्र को चेतावनी देकर आगे की कार्रवाई करते हैं. तब समुद्र श्रीराम के सामने अपनी बात कहता है.


मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘महोदय यह वही पंक्ति है - ‘‘प्रभु भल कीन्ह मोहि सिख दीन्हीं. मरजादा पुनि तुम्हरी कीन्हीं. ढोल, गंवार शूद्र, पसु, नारी. सकल ताड़न के अधिकारी. दरअसल, ढोल एक वाद्य यंत्र है. गंवार का मतलब अशिक्षित से है. शूद्र का मतलब श्रमिक वर्ग से है, किसी जाति विशेष से नहीं. बाबा साहब भीमराव आंबेडकर भी इस बात को कह चुके हैं कि दलित समाज को आप शूद्र मत बोलो और नारी का मतलब स्त्री से, मातृ सत्ता से है.’’


मुख्‍यमंत्री ने कहा कि तुलसीदास ने रामलीलाओं के माध्‍यम से समाज को एकजुट किया लेकिन, जिस प्रकार कुछ लोगों ने रामचरितमानस फाड़ने का प्रयास किया, वह कृत्‍य किसी अन्‍य मत-मजहब के साथ होता तो क्‍या होता.