लखनऊ: कोविड संक्रमित मरीजों के अंतिम संस्कार के लिए उत्तर प्रदेश में अब कोई शुल्क नहीं देना होगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिए हैं कि सभी नगरीय अथवा ग्रामीण अंत्येष्टि स्थलों पर कोविड मरीजों का अंतिम संस्कार उनकी धार्मिक मान्यता के अनुसार कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए कराया जाए. इसके लिए मृतक के परिजनों से किसी प्रकार का शुल्क न लिया जाए. विभिन्न जिलों में श्मशान घाट पर अवैध वसूली की शिकायतों का संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा है कि शव की अंत्येष्टि के लिए अवैध वसूली अमानवीय है. ऐसी घटनाएं हुईं तो संबंधित जिम्मेदार अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई होगी. मृतक के शरीर को अंत्येष्टि स्थल तक लाने के लिए प्रशासन वाहन उपलब्ध कराए. इसके लिए सभी जिलों में वाहन का प्रबंधन होना चाहिए.
केंद्र ने बढ़ाया यूपी का रेमेडिसीवीर कोटा
केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक के लिए यूपी को रेमडिसीवीर के 1,61,000 वॉयल का आवंटन किया है. इससे पहले इस अवधि तक के लिए यूपी को करीब 1,22000 वॉयल का आवंटन किया गया था. सीएम योगी ने आवंटन बढ़ाने पर संतोष जताते हुए कहा कि रेमडिसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है. हर दिन लगभग 18,000-20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए इस जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए.
लखनऊ सहित तीन जिलों को मिलेगी कैडिला की विराफीन
कोविड मरीजों के लिए कामयाब मानी जा रही जायडस कैडिला कम्पनी की नई दवा 'विराफीन' प्रदेश के तीन जिलों में जल्द ही मुहैया हो जाएगी. इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाए. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इन तीनों जिलों के एक-एक कोविड अस्पताल में यह नई दवा उपलब्ध होगी.
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