लखनऊ: राजधानी में निजी कोविड अस्पताल के संचालकों पर लापरवाही का बड़ा आरोप लगा है. चौक के हेरिटेज अस्पताल में भर्ती कराए गए इंदिरानगर के अंकित वर्मा की पत्नी शीतल का कहना है कि मामूली बुखार और सांस की दिक्कत पर पति को अस्पताल में भर्ती कराया था. जहां बिना किसी जांच के डॉक्टरों ने उन्हें रेमडिसिविर इंजेक्शन की 3 डोज लगा दी. इंजेक्शन लगने के कुछ देर बाद पति की हालत बिगड़ने लगी और उन्होंने दम तोड़ दिया. शीतल ने चौक कोतवाली में हेरिटेज अस्पताल के संचालकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए तहरीर दी है.
बिना जांच के भर्ती कर लिया
अंकित एक एनजीओ चलाते थे. पत्नी शीतल के मुताबिक उन्हें कभी कोई बीमारी नहीं रही 19 अप्रैल को हल्का बुखार और सांस में दिक्कत होने पर वह उन्हें हेरिटेज अस्पताल ले गईं. हेरिटेज कोविड अस्पताल है, लेकिन उनके पति को बिना किसी जांच के तुरंत भर्ती कर लिया गया. अस्पताल जाते ही डॉक्टरों ने रेमडिसिविर की छह डोज लाने को कहा. किसी तरह जुगाड़ करके वह रेमडिसिविर के छह इंजेक्शन लाई जिसमे से दो उसी रात लगा दिए गए. एक इंजेक्शन अगले दिन भी लगाया गया. इंजेक्शन लगाते ही पति की हालत बिगड़ने लगी, उनके मुंह से खून निकलने लगा और कुछ देर में मौत हो गई.
डॉक्टरों ने दी धमकी
शीतल का कहना है कि पति की मौत के बाद भी डॉक्टरों ने उनको कोई जानकारी नहीं दी और शव वेंटिलेटर पर रखकर गुमराह करते रहे. उपचार के बारे में पूछने पर डॉक्टर और स्टाफ के लोग झगड़ा करने लगते. पति की मौत की वजह के बारे में पूछने पर डॉक्टर धमकाने लगे. डॉक्टरों ने कहा कि शव ले जाओ नहीं तो कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट बना देंगे और क्रियाकर्म तो दूर चेहरा तक नहीं देख सकोगे.
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