गोरखपुर: शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ गोरखपुर आएंगे. वे यहां पर शाम को अपने आवास पर मां भगवती के शक्तिपीठ पर कलश स्‍थापना करेंगे. गोरखपुर नवरात्र की प्रतिपदा पर पूजन के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कार्यक्रम बन चुका है. 17 अक्टूबर यानी नवरात्र के पहले दिन सुबह बलरामपुर जिले की देवीपाटन शक्तिपीठ में भी मां भगवती की आराधना करेंगे. उसी दिन शाम को गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने आवास में स्थापित शक्ति पीठ में कलश स्थापना करेंगे.


मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ के कार्यक्रम को देखते हुए दोनों ही स्थानों पर तैयारियों को अंतिम रुप दिया जा चुका है. देवीपाटन शक्तिपीठ पर मुख्यमंत्री शनिवार की सुबह मां आदिशक्ति की आराधना के बाद वहां कलश स्थापित करेंगे. दोपहर बाद मुख्यमंत्री गोरखनाथ मंदिर आएंगे और यहां शक्तिपीठ में कलश स्थापित करेंगे. स्थापना से पहले कलश यात्रा निकलेगी. मंदिर परिसर में स्थित भीम सरोवर से कलश भरा जाएगा. उसके बाद शक्तिपीठ में दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू हो जाएगा. जो विजयादशमी तक अनवरत रहेगा. मंदिर में होने वाले अनुष्ठान के लाइव प्रसारण की तैयारी पूरी कर ली गई है.


मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीठाधीश्वर के रूप में नज़र आएंगे. आज शाम वे गोरखनाथ मंदिर स्थित अपने आवास पर शक्ति पीठ कलश स्थापित करेंगे. उसके बाद ब्राह्मणों द्वारा पूजा अर्चना की जाएगी. इसमें योगी आदित्यनाथ उपस्थित रहेंगे. आज ही दुर्गा सप्तशती का पाठ शुरू होगा. जो निरंतर नवरात्र तक चलेगा. नवमी के दिन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्या पूजन दिन में करते हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कन्याओं का पांव पखारने के बाद उन्हें तिलक लगाएंगे और चुनरी पहनाएंगे. उसके बाद कन्याओं को भोजन भी कराते हैं.


दशहरे के दिन योगी आदित्यनाथ गोरखनाथ मंदिर परिसर में स्थित सभी मंदिरों में जाकर पूजा अर्चना करेंगे. उसके बाद तिलक उत्सव का कार्यक्रम होता है. जिसमें योगी आदित्यनाथ लोगों को तिलक लगाते हैं. लेकिन अबकी बार कोविड-19 की वजह से काफी कम लोग ही तिलक उत्सव में रहेंगे. तिलक उत्सव के कार्यक्रम के बाद एक शोभायात्रा गोरखनाथ मंदिर से निकलती है. इसमें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक रथ पर सवार होकर मानसरोवर मंदिर पर जाते हैं.


जहां मंदिर पर पहुंचकर शिव की पूजा अर्चना करते हैं. उसके बाद रामलीला मैदान पहुंचकर भगवान श्रीराम, लक्ष्मण सीता और हनुमान को तिलक लगाकर पूजा करते हैं. उनकी आरती उतारते हैं. उसके बाद योगी आदित्यनाथ वापस गोरखनाथ मंदिर आते हैं. जहां एक बड़े भंडारे का आयोजन होता है. जहां भारी संख्या में लोग भंडारे का प्रसाद ग्रहण करते हैं. नवरात्रि से लेकर विजयादशमी तक गोरक्षपीठ में उत्‍सव जैसा माहौल रहता है. लेकिन इस बार कोविड-19 के प्रकोप को देखते हुए इसके दायरे को सीमित कर दिया गया है.