Char Dham Yatra 2023: केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों को षड्यंत्र का हिस्सा बताते हुए श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मन्दिर समिति (BKTC) ने रविवार को कहा कि क्षुद्र राजनीतिक तत्व यात्रा को प्रभावित करने और धाम की छवि को धूमिल करने के लिए भ्रम फैला रहे हैं. यहां जारी एक वीडियो संदेश में बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा, 'यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है कि कुछ लोग राजनीतिक स्वार्थों के वशीभूत होकर एक षडयंत्र के तहत श्री केदारनाथ धाम की छवि को धूमिल करने का प्रयास कर रहे हैं .'


अजेंद्र अजय ने स्पष्ट किया कि सोना खरीदने से लेकर गर्भगृह की दीवारों पर उसे जड़ने तक का सम्पूर्ण कार्य दानदाता द्वारा स्वयं कराया गया और इसमें मंदिर समिति की कोई प्रत्यक्ष भूमिका नहीं थी. उन्होंने केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों को षड्यंत्र बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से चारधाम खासतौर पर केदारनाथ यात्रा में बड़ी संख्या में आ रहे श्रद्धालु क्षुद्र राजनीतिक तत्वों को रास नहीं आ रहे हैं.


दानदाताओं की भावनाएं भी आहत
बीकेटीसी के अध्यक्ष ने यह भी कहा कि गर्भगृह में सोने की जगह पीतल लगाए जाने के आरोपों से विभिन्न तीर्थस्थलों और श्रद्धालुओं के लिए अन्य आधारभूत सुविधाओं के विकास के वास्ते आगे आने वाले दानदाताओं की भावनाएं भी आहत हुई हैं. इस संबंध में उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के एक दानदाता ने पिछले साल केदारनाथ मंदिर के गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत चढ़ाने की इच्छा प्रकट की थी जिनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए राज्य सरकार से मंजूरी लेकर उन्हें इसकी अनुमति दी गयी थी .


उन्होंने कहा कि भारतीय पुरात्व सर्वेक्षण विभाग के विशेषज्ञों की देखरेख में मंदिर को स्वर्ण मंडित करने का कार्य किया गया था. अजय ने कहा कि गर्भ गृह को स्वर्ण मंडित करने का कार्य दानदाता ने अपने स्तर से किया. उन्होंने अपने स्वर्णकार से तांबे की प्लेटें तैयार करवाईं और फिर उन पर सोने की परतें चढ़ाई गईं. उनके मुताबिक, दान दाता ने अपने स्वर्णकार के माध्यम से ही इन प्लेटों को मंदिर में स्थापित कराया.


BKTC अध्यक्ष ने यह भी कहा कि काम होने के पश्चात दानदाता ने गर्भ गृह में लगाए गए स्वर्ण व तांबे की प्लेटों के आधिकारिक बिल व बाउचर समिति को दे दिए जिन्हें नियमानुसार स्टॉक बुक में दर्ज किया गया है. अजय ने स्पष्ट किया कि इस कार्य के लिए दानदाता द्वारा बीकेटीसी के समक्ष अपने नाम के उल्लेख या अन्य किसी प्रकार की शर्त नहीं रखी गई और न ही दानदाता ने बीकेटीसी से आयकर में छूट के लिए धारा- 80 जी का प्रमाण पत्र मांगा.


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मंदिर में लगा है 14.38 करोड़ रुपये का सोना
इससे पहले, समिति ने एक प्रेस नोट में बताया था कि मंदिर के गर्भगृह में 23,777.800 ग्राम सोना लगाया गया, जिसका वर्तमान मूल्य करीब 14.38 करोड़ रुपये है जबकि स्वर्णमंडित कार्य के लिए प्रयुक्त तांबे की प्लेटों का कुल वजन 1,001,300 किलोग्राम है जिसका कुल मूल्य 29 लाख है. समिति ने इस बात का खंडन किया कि केदारनाथ गर्भगृह को स्वर्णमंडित करने में एक अरब 15 करोड़ रुपये का खर्च आया जैसा कि प्रचारित किया जा रहा है.


अजय ने कहा कि इसी दानदाता ने 2005 में बदरीनाथ मंदिर में स्वर्ण सिंहासन चढाया था. पिछले दिनों केदारनाथ मंदिर के तीर्थ पुरोहित और चारधाम महापंचायत के उपाध्‍यक्ष संतोष त्रिवेदी ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर आरोप लगाया था कि गर्भगृह की दीवारों पर सोने की परत की जगह पीतल चढ़ायी गयी है और इसमें करीब सवा अरब रुपये का घोटाला हुआ है.


त्रिवेदी ने वीडियो में राज्य सरकार से उसकी जांच कराने और दोषियों पर सख्त कार्रवाई करने की मांग करते हुए चेतावनी भी दी थी कि अगर इस संबंध में जल्द कोई कार्रवाई न की गयी तो तीर्थ पुरोहित इस घोटाले को लेकर उग्र आंदोलन को विवश हो जाएंगे.