Champawat by-Election: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने पुष्कर सिंह धामी (Pushkar Singh Dhami) के पक्ष में प्रचार करते हुए शनिवार को कहा कि यह चंपावत (Champawat) के लोगों के लिए उत्तराखंड की विकास यात्रा में आगे रहकर नेतृत्व करने का अवसर है. चंपावत विधानसभा सीट पर 31 मई को होने जा रहे उपचुनाव में मुख्यमंत्री धामी बीजेपी के उम्मीदवार हैं. भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने फरवरी में उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में 70 विधानसभा सीट में से 47 पर कब्जा कर बड़ी जीत दर्ज की थी, लेकिन धामी खटीमा से हार गए थे, जहां वह 2012 और 2017 के विधानसभा चुनावों में विजयी रहे थे.


हालांकि, बीजेपी ने उन पर विश्वास जताया और उन्हें दूसरी बार मुख्यमंत्री बनाया. मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के छह महीने के भीतर धामी के लिए सीट जीतकर सदन का सदस्य बनना एक संवैधानिक आवश्यकता है, जिसे उन्हें पद पर बने रहने के लिए पूरा करना होगा. फरवरी में विधानसभा चुनाव में चंपावत निर्वाचन क्षेत्र से जीतने वाले बीजेपी के कैलाश गहतोड़ी ने मुख्यमंत्री के चुनाव लड़ने के लिए अपनी सीट खाली कर दी थी.


योगी ने टनकपुर में एक चुनावी रैली में धामी के लिए प्रचार करते हुए कहा, ''1997 में जिला बनने के बाद पहली बार चंपावत को एक विधायक नहीं, बल्कि एक मुख्यमंत्री चुनने का मौका मिला है. आपको इस अवसर को व्यर्थ नहीं करना चाहिए. मैं आपसे क्षेत्र के तेजी से विकास के लिए पुष्कर सिंह धामी के युवा नेतृत्व के पक्ष में भारी मतदान करने की अपील करता हूं.''


चंपावत के लिए यह आगे रहकर नेतृत्व करने का एक मौका- योगी
सीएम योगी ने कहा, "यह चंपावत का सौभाग्य है कि मुख्यमंत्री का चुनाव उसके हाथ में है. उत्तराखंड की विकास यात्रा में चंपावत के लिए यह आगे रहकर नेतृत्व करने का एक मौका है." योगी ने गहतोड़ी के सीट खाली करने की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह उनकी दूरदर्शिता को दर्शाता है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कहा, "धामी के युवा और ऊर्जावान नेतृत्व में रोजगार सृजन एवं पर्यटन विकास के संबंध में राज्य की सभी आकांक्षाएं पूरी होने जा रही हैं."


योगी ने उत्तराखंड के अपने समकक्ष के प्रचार के लिए गहतोड़ी और प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष मदन कौशिक के साथ टनकपुर में एक रोड शो भी किया. इस दौरान धामी भी उनके साथ थे.


यह भी पढ़ें-


UP Government New Rule: महिलाओं को शाम 7 बजे के बाद काम के लिए बाध्य नहीं करने का क्या है नया नियम? जानिए- पूरी डिटेल